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गुजरात की सरकारी अध्यापिका 8 साल से अमेरिका में, लेकिन फिर भी मिल रहा वेतन
अमेरिका में बसने के बाद भी गुजरात के स्कूल से वेतन ले रहीं शिक्षिका (प्रतीकात्मक: अनस्प्लैश)

गुजरात की सरकारी अध्यापिका 8 साल से अमेरिका में, लेकिन फिर भी मिल रहा वेतन

लेखन गजेंद्र
Aug 09, 2024
02:50 pm

क्या है खबर?

गुजरात के बनासकांठा में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो शिक्षा विभाग की लापरवाही की पोल खोल रहा है। खबरों के मुताबिक, अंबाजी के पंचा प्राइमरी स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक भावनाबेन पटेल पिछले 8 साल से अमेरिका में हैं और उनके पास ग्रीन कार्ड है। इसके बावजूद वह सरकारी सेवा में बनी हैं और अनुपस्थित रहने के बाद भी पूरा वेतन लेती हैं। यह खुलासा अभिभावकों और स्कूल स्टाफ की शिकायत के बाद हुआ।

शिकायत

हर साल दिवाली पर आती हैं स्कूल

स्कूल की प्रभारी आचार्य पारुलबेन ने बताया कि पटेल 2013 से शिकागो में रह रही हैं और वहां की स्थायी निवासी बन गई हैं, लेकिन फिर भी विभाग से वेतन ले रही हैं। उन्होंने बताया कि पटेल सिर्फ साल में दिवाली पर गुजरात आती हैं। हालांकि, इस दौरान स्कूल बंद रहता है, लेकिन वह स्कूल नहीं जाती और न छात्रों से बातचीत करती हैं। पारुलबेन ने बताया कि जब उन्हें यह बात पता चली तो उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया।

कार्रवाई

महिला शिक्षक पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी स्कूल के स्टाफ और अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक पटेल की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल के छात्रों ने बताया कि उन्होंने 2 साल से शिक्षिका को नहीं देखा। मामले में प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भावनाबेन पटेल आखिरी बार जनवरी 2023 में स्कूल आई थीं और उसके बाद से 1 जनवरी, 2024 से वेतन न लेने की शर्त पर छुट्टी पर हैं। उनको नोटिस जारी किया गया है।