
राजकोट अग्निकांड: गुजरात हाई कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, कहा- यह मानव-निर्मित आपदा
क्या है खबर?
गुजरात हाई कोर्ट ने रविवार को राजकोट स्थित गेमिंग जोन में भीषण आग के मामले का स्वतः संज्ञान लिया और इसे प्रथमदृष्टया मानव-निर्मित आपदा बताया।
न्यायाधीश बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की पीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकरणों से अनुमति के बिना ऐसे अनेक गेमिंग जोन और मनोरंजन सुविधाएं खुल गई हैं।
कोर्ट ने मामले में गुजरात सरकार और विभिन्न शहरों के नगर निगमों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट कल 27 मई को मामले पर सुनवाई करेगा।
मामला
क्या है मामला?
राजकोट में शनिवार शाम लगभग 4 बजे एक TRP गेमिंग जोन में आग लगने से 35 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 12 बच्चे भी शामिल रहे।
गर्मियों की छुट्टी और शनिवार को वीकेंड डिस्काउंट के तहत 99 रुपये की टिकट मिलने के कारण हादसे के समय गेमिंग जोन पूरा भरा हुआ था।
अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना नामुमकिन है और DNA टेस्ट कराकर उनकी पहचान की जाएगी।
स्वतः संज्ञान
हाई कोर्ट ने पूछा- किस प्रावधान के तहत चल रहे ये गेमिंग जोन
इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोटच नगर निगमों के वकीलों को सोमवार को उसके सामने पेश होकर यह बताने को कहा कि कानून के किस प्रावधान के तहत उन्होंने इन गेमिंग जोन को स्थापित और संचालित होने दिया।
कोर्ट ने नगर निगमों और गुजरात सरकार से ये भी पूछा कि क्या इन गेमिंग जोन को अग्नि सुरक्षा से संबंधित नियमों के अनुपालन के लाइसेंस समेत अन्य लाइसेंस दिए गए थे।
सवाल
बिना अनुमति के बन रहे गेम जोन, जनता के लिए खतरा- कोर्ट
अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ये मनोरंजन जोन सक्षम प्राधिकरण से अनुमति के बिना बने हैं।
उसने कहा कि आवश्यक अनुमतियां और अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेने में आने वाले व्यवधानों से बचने के लिए राजकोट गेम जोन में अस्थायी ढांचे का निर्माण किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे गेम जोन अहमदाबाद शहर में भी बन गए हैं और ये सार्वजनिक सुरक्षा, खासकर बच्चों, के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं।
हैरानी
गेम जोन में था ज्वलनशील पदार्थों का भंडार- कोर्ट
पूरी घटना से हैरान कोर्ट ने कहा, "प्रथमदृष्टया एक मानव-निर्मित हादसा हुआ है, जिसमें मासूम बच्चों की जान गई है और परिवार उनके मौत का शोक जता रहे हैं।"
कोर्ट ने कहा कि राजकोट के इस गेम जोन में पेट्रोल, फाइबर और फाइबर ग्लास शीट जैसे अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ का भंडार था।
स्वतः संज्ञान के साथ-साथ कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा से संबंधित जनहित याचिका में एक आवेदन को भी तत्काल सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
कार्रवाई
मामले में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है?
इस अग्निकांड में पुलिस ने गेमिंग जोन के मालिक प्रकाश जैन और युवराज सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50,000-50,000 रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने ट्वीट कर इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।