दिल्ली: वायु प्रदूषण में कमी के बाद पाबंदियों में ढील, निर्माण गतिविधियों से प्रतिबंध हटा
क्या है खबर?
दिल्ली की हवा में सुधार और वायु प्रदूषण के स्तर में कमी के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
इसके बाद दिल्ली में अब निर्माण कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट गया है। BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों के संचालन पर से भी रोक हट गई है।
बता दें कि 14 जनवरी को दिल्ली में ये पाबंदियां लगाई गई थीं।
छूट
अब किन कार्यों के लिए मिली छूट?
पाबंदियां हटने के बाद अब रेलवे और मेट्रो सहित सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं और निजी कार्यों में निर्माण और तोड़फोड़ की छूट रहेगी।
इसके साथ ही दिल्ली में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध भी हट गया है, यानी ये वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
ये प्रतिबंध दिल्ली के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी लागू थे। हालांकि, अभी भी GRAP के पहले और दूसरे चरण के प्रतिबंध लागू रहेंगे।
हवा
दिल्ली की हवा में मामूली सुधार
दिल्ली में आज औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
हालांकि, ये GRAP के तीसरे चरण की पाबंदी लगाए जाने की सीमा से 83 अंक कम है।
गाजियाबाद में AQI 282, गुरुग्राम में 190, ग्रेटर नोएडा में 210, फरीदाबाद में 220 और नोएडा में 204 दर्ज किया गया।
AQI 401 से 450 के बीच रहने पर GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां लगाई जाती हैं।
चरण
अब तक 3 बार लागू किया गया GRAP का तीसरा चरण
दिल्ली-NCR में अब तक 3 बार GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां लगाई गई हैं।
सबसे पहले 3 नवंबर को इसे लागू किया गया था, जब AQI पहली बार 400 से ज्यादा हो गया था। इसे 28 नवंबर को बारिश के बाद हटाया गया था।
दूसरी बार 22 दिसंबर से 1 जनवरी तक पाबंदिया लगाई गई थीं।
तीसरी बार इसे 14 जनवरी को लागू किया गया था, जिसे आज 18 जनवरी को हटा लिया गया।
पल्स
न्यूजबाइट्स प्लस
AQI का मतलब वायु गुणवत्ता सूचकांक से है, जिससे हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है।
AQI की 6 श्रेणी हैं, अच्छी (0-50), संतोषजनक (50-100), मध्यम प्रदूषित (100-200), खराब (200-300), बहुत खराब ( 300-400), और गंभीर (400-500)।
AQI को 8 प्रदूषण कारकों के आधार पर तय किया जाता है, जिनमें PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO2, O3 और NH3 Pb शामिल हैं।
24 घंटों में हवा में इन कारकों की मात्रा से AQI निश्चित होता है।