सड़क हादसे रोकने के लिए बड़ा कदम: लापरवाह ड्राइवरों पर होगी सख्ती, ठेकेदारों पर लगेगा जुर्माना
क्या है खबर?
देशभर में बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार कुछ बड़े कदम उठाने जा रही है। इनमें बार-बार यातायात नियम तोड़ने वाले ड्राइवरों पर सख्ती, सड़क बनाने वाले ठेकेदार पर जुर्माना और ड्राइवर के व्यवहार को बीमा और लाइसेंस से लिंक करना शामिल है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों पर अंकुश लगाना है।
नियम
बार-बार नियम तोड़ने वाले ड्राइवरों की होगी मनोवैज्ञानिक जांच
सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे आदतन यातायात उल्लंघन करने वालों और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों को मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और परामर्श के लिए भेजें। इस कदम को जुर्माने या लाइसेंस निलंबन जैसे दंडात्मक उपायों से हटकर तनाव और आक्रामकता जैसे लापरवाह ड्राइविंग के मूल कारणों को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव माना जा रहा है।
तरीका
आदतन नियम तोड़ने वालों पर होगी ये कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में एक मानकीकृत ढांचा स्थापित किया जाएगा, जिसके तहत प्रवर्तन एजेंसियां बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान करेगी और फिर उन्हें प्रमाणित परामर्शदाताओं या मनोवैज्ञानिकों के पास भेजा जाएगा। यहां इन ड्राइवरों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें स्थिति के आधार पर मनोवैज्ञानिक सत्रों की सिफारिश की जाएगी। गंभीर मामलों में व्यवहार में सुधार दिखाई देने तक वाहन चलाने से वंचित कर दिया जाएगा।
डेटा
एकीकृत किया जाएगा ड्राइवर का सारा डेटा
मंत्रालय ड्राइवर के व्यवहार को जानने के लिए एक डेटा-संचालित तंत्र भी विकसित कर रहा है। इसे बीमा प्रीमियम, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और वाहन पंजीकरण की स्थिति जैसी नियामक प्रक्रियाओं से सीधे जोड़ा जाएगा। इसके लिए सड़क पर लगे कैमरों और ई-चालान प्रणालियों से मिले डेटा का इस्तेमाल कर ड्राइवर के व्यवहार संबंधी ऑनलाइन प्रोफाइल बनाए जाएगी। बार-बार नियम तोड़ने वालों को ज्यादा बीमा प्रीमियम या लाइसेंस नवीनीकरण में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
ठेकेदार
सड़क बनाने वाले ठेकेदारों पर भी लगेगा जुर्माना
सरकार एक कानून बनाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत दोषपूर्ण सड़क डिजाइन या घटिया परियोजना कार्यान्वयन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए ठेकेदारों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। प्रस्तावित योजना के तहत, दुर्घटना के बाद ऑडिट के दौरान पहचानी गई इंजीनियरिंग चूक या सुरक्षा गैर-अनुपालन के चलते ठेकेदारों पर वित्तीय जुर्माना, भविष्य के कॉन्ट्रैक्ट का निलंबन या गंभीर मामलों में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
क्षेत्र
मंत्रालय ने 3,500 संवेदनशील स्पॉट की पहचान की
राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने बताया कि अगर हाईवे के 500 मीटर के एक इलाके में एक साल में एक से ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, तो ठेकेदार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अगले साल फिर से दुर्घटना होने पर यह जुर्माना बढ़कर 50 लाख रुपये हो जाएगा। राजमार्ग मंत्रालय ने दुर्घटना की आशंका वाले 3,500 क्षेत्रों की पहचान की है, जिन्हें सुधारने पर जोर दिया जाएगा, ताकि हादसों पर रोक लगाई जा सके।
मौत
सड़क हादसों में 5 साल में 8 लाख मौतें
पिछले 5 सालों में सड़क दुर्घटनाओं में 8 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। 2019 में 4.56 लाख दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें लगभग 1.59 लाख मौतें हुई थीं। 2020 में लॉकडाउन के कारण ये आंकड़ा कम होकर 3.7 लाख पर आ गए। 2021 में 4.2 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.50 लाख लोगों की जान गई। हर 3 में से एक हादसे में किसी की जान गई है। सबसे ज्यादा सड़क हादसे तमिलनाडु में होते हैं।