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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रद्द होने का दावा, सामने आई सच्चाई
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द की गई

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रद्द होने का दावा, सामने आई सच्चाई

लेखन गजेंद्र
Jul 29, 2025
09:25 am

क्या है खबर?

यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (38) की फांसी की सजा रद्द होने का दावा किया गया है। यह दावा भारतीय ग्रैंड मुफ्ती अबुबकर मुस्लैयार के कार्यालय ने किया। हालांकि, ये दावा गलत निकला। उन्होंने कहा, "निमिषा प्रिया की मौत की सजा, जिसे पहले निलंबित किया गया था, को पलट दिया गया है। सना में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में अस्थायी रूप से निलंबित मौत की सजा को पूरी तरह रद्द करने का फैसला किया गया।"

पुष्टि

पीड़ित के भाई ने दावे को झूठ बताया, भारत सरकार ने नहीं की पुष्टि 

मुफ्ती के कार्यालय ने दावा किया कि प्रसिद्ध सूफी विद्धान शेख हबीब उमर बिन हाफिज की यमनी विद्वानों की टीम ने अंंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के साथ समझौते की पेशकश की, जिसके बाद फांसी रद्द की गई है। इसके बाद, जिस व्यक्ति की निमिषा ने हत्या की थी, उसके भाई अब्दुल फत्ताह महदी ने दावों को झूठा बताया और पूछा कि कंथापुरम ने किस यमनी संगठन से संपर्क किया। भारत सरकार ने भी फांसी रद्द होने की पुष्टि नहीं की है।

पहचान

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां प्रेमा कुमारी कोच्चि में घरेलू कामगार हैं। नर्स की पढ़ाई करने के बाद निमिषा 2011 में यमन चली गई थीं और यहां 5 साल तक अस्पतालों में काम किया। 2014 में उनकी मुलाकात यमन नागरिक तलाल अब्दो मेहदी से हुई, जिसके बाद 2015 में उन्होंने मिलकर सना में एक क्लीनिक खोला। यमनी कानून के अनुसार, व्यवसाय शुरू करने के लिए स्थानीय व्यक्ति के साथ साझेदारी अनिवार्य है।

फांसी

निमिषा को क्यों दी जा रही फांसी?

साथ काम करने के दौरान मेहदी ने निमिषा को तंग करना शुरू कर दिया। उसने आर्थिक, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न दिया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इससे तंग आकर निमिषा ने उसे 2016 में बेहोशी का ओवरडोज इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने एक साथी के साथ मिलकर उसके टुकड़े कर दिए। निमिषा 2017 से जेल में हैं। उसे 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन यमन कोर्ट ने फांसी कुछ दिन टाल दी थी।