फोन हैंकिंग विवाद: सरकार ने कहा- हम चिंतित, जांच करेंगे
ऐपल के विपक्षी नेताओं को उनके फोन हैक होने की चेतावनी देने से संबंधित मामले पर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने एक विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। जिन लोगों को ऐसी चेतावनी मिली है, उन्होंने उनसे जांच में सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐपल ने 150 देशों में ऐसी एडवाइजरी जारी की है और उसे भी जांच में सहयोग के लिए कहा गया है।
मंत्री ने कहा- सरकार गंभीर, जड़ तक जाएंगे
विपक्ष के फोन हैक करने के दावे पर वैष्णव ने कहा, "अभी कुछ सांसदों और अन्य नागरिकों ने मुद्दा उठाया है कि उनके पास ऐपल से अलर्ट आया है। मैं उनको ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार इसको लेकर गंभीर है और हम इसकी जड़ तक जाएंगे। हमने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।" उन्होंने कहा कि ऐपल ने खुद स्पष्टीकरण जारी किया है कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वैसा कुछ नहीं है।
मंत्री ने विपक्ष को बताया मजबूर आलोचक
वैष्णव ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "इस देश में कुछ हमारे ऐसे मजबूर आलोचक हैं, जिनको आदत लग गई है कि कोई भी मुद्दा हो उठकर आलोचना करो। ये लोग देश की उन्नति और प्रगति को न देख सकते हैं, न पचा सकते हैं क्योंकि इनके परिवार ने जब देश पर राज किया तो एक ही उद्देश्य से काम किया कि कैसे केवल अपने परिवार का पेट भरें। इन्हें देश की चिंता बिल्कुल नहीं है।"
वैष्णव ने विपक्ष पर लगाया भटकाने की राजनीति करने के आरोप
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "ऐपल ने 150 देशों में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। अगर आप ऐपल के मेल को देखेंगे तो पाएंगे कि कहीं भी उनके पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है । केवल अनुमान के आधार पर ये अलर्ट भेजा गया है। उनका एनक्रिप्शन सिस्टम ऐसा है कि कोई हैक नहीं कर सकता है। जो लोग देश की प्रगति को पचा नहीं पा रहे, वो इसके जरिए केवल भटकाने की राजनीति कर रहे हैं।"
क्या है पूरा मामला?
कई विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि केंद्र सरकार उनके फोन हैक करने की कोशिश कर रही है। उन्हें इस संबंध में ऐपल से चेतावनी भरा मैसेज मिला, जिसमें सरकार प्रायोजित हमलावरों द्वारा उनके फोन को निशाना बनाए जाने की बात कही गई है। ये चेतावनी तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेताओं को मिली है। राहुल गांधी की टीम के लोगों को भी ये मैसेज मिला है।
ऐपल ने मामले पर क्या कहा?
ऐपल ने मामले पर कहा कि वो ये नहीं पता कर सकती कि ऐसा हमला किसी विशेष देश ने ही किया है। उसने ये भी कहा कि ऐसी चेतावनी अपूर्ण और अधूरे सिग्नल पर आधारित होती हैं, ऐसे में हो सकता है कि कुछ नोटिफिकेशन फर्जी चेतावनी हों या कुछ हमले पकड़ में न आए हों। कंपनी ने कहा कि वो ये नहीं बता सकती कि ये नोटिफिकेशन क्यों जाते हैं क्योंकि इससे राज्य-प्रायोजित हमलावर इनसे बचना सीख सकते हैं।