राम मंदिर के निर्माण में देशभर का रहा योगदान; महाराष्ट्र से आया सोना, राजस्थान से संगमरमर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है। इस मंदिर को बनाने में देशभर का क्या योगदान रहा, इसके विषय में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी। इंडिया टुडे के मुताबिक, राय ने बताया कि मंदिर के लिए संगमरमर राजस्थान के भरतपुर से, मिट्टी छत्तीसगढ़ से, ग्रेनाइट तेलंगाना और कर्नाटक से, सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से और द्वारों के लिए लकड़ी महाराष्ट्र के बल्हारशाह से आई।
देशभर के मजदूरों ने लिया हिस्सा
राय ने बताया कि राम मंदिर के लिए सोना मुंबई से आया और मूर्ति में इस्तेमाल किया गया पत्थर और भगवान राम की मूर्ति बनाने वाले दोनों कर्नाटक के मैसूर से हैं। उन्होंने बताया कि देशभर के मजदूरों ने मंदिर को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मंदिर को तैयार करने में दिन-रात मेहनत की। हैदराबाद की अनुराधा टिंबर ने दरवाजों की डिजाइन तैयार की है। राय ने बताया कि उनके सभी कर्मचारी कन्याकुमारी से आए थे।
कहां से आए रामलला के कपड़े?
राय ने बताया कि मंदिर में विराजमान रामलला के लिए कपड़े मनीष त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति ने बनाए और मूर्ति के लिए आभूषण जयपुर की एक फर्म की ओर से बनाए गए। राम मंदिर के लिए कई अन्य वस्तुएं भी दान में आई हैं। बता दें कि चंपत राय अगस्त, 2020 में भूमि पूजन के बाद से ही राम मंदिर के निर्माण में शामिल हैं। वह ट्रस्ट के महासचिव के रूप में निर्माण की देखरेख कर रहे हैं।