G-20 शिखर सम्मेलन: दुनिया के कौन-कौन से नेता होंगे शामिल और कौन रहेंगे अनुपस्थित?
G-20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली तैयार है। 9-10 सितंबर को दिल्ली में दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता एकत्र होंगे। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति समेत अन्य देशों के शीर्ष नेता शामिल है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विश्व की सबसे मजबूत 20 अर्थव्यवस्थाओं के शीर्ष नेता जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक मंदी और खाद्य सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आइए जानते हैं कि G-20 शिखर सम्मेलन में कौन नेता शामिल होगा और कौन नहीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पहुंचेंगे दिल्ली
G-20 शिखर सम्मेलन के लिए आज (8 सितंबर) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन दिल्ली आ रहे हैं। सम्मलेन से पूर्व वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने को लेकर द्विपक्षीय बैठक करेंगे। व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन शिखर सम्मेलन में समूह से जुड़े सहयोगी देशों के साथ यूक्रेन युद्ध के सामाजिक प्रभाव, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई और गरीबी से लड़ने के लिए बहुपक्षीय बैंकों की क्षमता बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे।
ब्रिटेन और जापान के प्रधानमंत्री भी सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं। वह भी भारत-ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी सम्मेलन में उपस्थिति की पुष्टि की है। उनके G-7 समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के दौरान रूस की आलोचना का नेतृत्व करने की संभावना है।
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का भी भारत दौरा तय
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस समय इंडोनेशिया में हैं, लेकिन वह G-20 शिखर सम्मेलन के लिए 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में उपस्थित होंगे। उनके कार्यालय की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई है। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आएंगे। अल्बनीज की भारत यात्रा 3 देशों के दौरे का हिस्सा होगी, जिसमें वह इंडोनेशिया और फिलीपींस का भी दौरा करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मन चासंलर भी आएंगे भारत
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनकी सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी उम्मीद है। इसके अलावा शिखर सम्मेलन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज भी अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। स्कोल्ज ने एक इंटरव्यू में रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्षों की अनुपस्थिति के बावजूद G-20 शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर दिया है।
दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के शीर्ष नेता भी पहुंचेंगे
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल भी सम्मेलन में आने की पुष्टि कर चुके हैं। वह सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के साथ उत्तर कोरिया के लगातार बढ़ते मिसाइल उकसावों और परमाणु खतरों पर चर्चा कर सकते हैं। दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है।
चीनी और रूसी राष्ट्रपति सम्मेलन में रहेंगे अनुपस्थित
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G-20 सम्मेलन में अनुपस्थित रहेंगे। उनकी जगह चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी सम्मेलन में अनुपस्थित रहेंगे। उनकी अनुपस्थिति में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। साथ ही स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज और मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर भी किन्हीं कारणों के चलते दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।
G-20 गैर सदस्य देश भी सम्मेलन में लेंगे भाग
नई दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में सदस्यीय देशों के अलावा भारत ने बांग्लादेश, नीदरलैंड, नाइजीरिया, मिस्र, मॉरीशस, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के शीर्ष नेताओं को भी आमंत्रित किया है। इसके अलावा शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र (UN), अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी भी शामिल होने जा रहे हैं। गौरतलब है कि भारत को पहली बार G-20 समूह की अध्यक्षता मिली है।