उत्तर प्रदेश: पुलिस ने छह साल पहले दुनिया छोड़ चुके व्यक्ति के खिलाफ की कार्रवाई
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार सख्ती बरत रही है। प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की तरफ से नोटिस भेजे जा रहे हैं। फिरोजाबाद पुलिस भी ऐसे लोगों को नोटिस भेज रही है, जिनसे शांति भंग होने का खतरा है। इन्हीं नोटिस में एक नोटिस एक शख्स को भेजा गया है, जिसकी छह साल पहले मौत हो चुकी है।
क्या है मामला?
दरअसल, 20 दिसंबर को फिरोजाबाद में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने 2,500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनके अलावा लगभग 200 लोगों को शांति भंग करने के अंदेशे में पाबंद किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
पुलिस अब इन लोगों को मेजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर 10 लाख का मुचलका भर जमानत लेने के लिए नोटिस जारी कर रही है। इनमें से एक नाम बन्ने खान का है, जिनकी छह साल पहले मौत हो चुकी है। उनके अलावा पुलिस ने शूफी अंसार हुसैन और फसाहत मीर खान को भी नोटिस भेजा है, जिनकी उम्र क्रमश: 90 और 93 साल है। ऐसे में विपक्षी पार्टियां पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रही हैं।
क्या बोले मृतक बन्ने खां के बेटे?
मृतक बन्ने खान के बेटे ने कहा कि उनके पिता की छह साल पहले मौत हो चुकी है और उनके पास मृत्यु प्रमाण-पत्र भी है। उन्होंने बताया कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है, लेकिन उनके पिता का नाम अखबारों में आ गया है।
मामला सामने आने के बाद क्या बोले मजिस्ट्रेट?
मीडिया में मामला उछलने के बाद फिरोजाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट पंकज सिंह ने कहा कि थानों से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों को पाबंद किया था। जानकारी मिलने के बाद ऐसे लोगों का नाम कार्रवाई से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना मिल रही है कि बीमार और 90 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी नोटिस भेजे गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बाकी जिन लोगों को नोटिस मिला है उनका क्या होगा?
पुलिस द्वारा पाबंद किए गए 199 लोगों में से एक जनवरी तक 18 लोगों ने जमानत कराई है। बाकी बचे लोग अभी तक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। जमानत न कराने वालों के खिलाफ मजिस्ट्रेट जमानती वारंट जारी करेंगे।