लखीमपुर खीरी में किसानों का 75 घंटे का महाधरना शुरू, अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग
क्या है खबर?
किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए किसानों फिर से मोर्चा खोल दिया है।
भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (BKU) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से जुड़े कई किसान संगठनों ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का महाधरना शुरू कर दिया है।
यह धरना राजापुर कृषि उपज मंडी में दिया जा रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब के किसान भी शामिल हैं।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी हिंसा पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे।
आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
जानकारी
अप्रैल में आशीष मिश्रा ने किया था सरेंडर
मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द करने और एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने के आदेश के बाद आशीष मिश्रा ने 24 अप्रैल को जेल में सरेंडर किया था। इससे पहले 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी।
मांग
किन मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं किसान?
किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने, गिरफ्तार किए गए बेगुनाह किसानों को रिहा करने, 14 दिन में गन्ना भुगतान और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने, सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।
इसी तरह किसानों ने किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और फसल खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की है।
अन्य
किसानों ने ये भी रखी है मांग
किसानों ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर हुए तिकुनिया समझौते के तहत घायल किसानों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने, किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने, जंगलात विभाग की ओर से किसानों को दिए गए नोटिसों को वापस लेने और किसानों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक देने की भी मांग की है।
BKU-टिकैत जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा कि लंबित मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए धरना दिया जा रहा है।
बयान
अजय मिश्रा की बर्खास्ती है प्रमुख मांग- शर्मा
BKU-टिकैत के राष्ट्रीय संगठन सचिव भूदेव शर्मा ने कहा कि किसान 3 अक्टूबर, 2021 की तिकुनिया हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की प्रमुख मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। उस घटना में उनके बेटे आशीष मिश्रा प्रमुख आरोपी हैं।
उन्होंने कहा कि धरने में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड सहित देश के कई अन्य हिस्सों से किसान लखीमपुर खीरी पहुंचने लगे हैं।
सुरक्षा
पुलिस ने किए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त
किसानों के धरने को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
धरना स्थल की ओर जाने वाले प्रमुख रास्तों में बेरिकेडिंग लगाई है तथा जगह-जगह पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा किसानों को किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने की चेतावनी दी गई है।
धरने में BKU के राकेश टिकैत के अलावा दर्शन सिंह पाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, योगेंद्र यादव और SKM के कई प्रमुख नेता भी शामिल हैं।