ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के बाद पूर्व IAS अभिषेक सिंह भी विकलांगता दावे को लेकर घिरे
महाराष्ट्र के पुणे में पद के दुरुपयोग और अपने कथित फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र को लेकर घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के बाद पूर्व IAS अभिषेक सिंह भी निशाने पर हैं। आरोप है कि अभिषेक ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में रियायत के लिए खुद को चलने-फिरने में अक्षम (लोकोमोटिव डिसऑर्डर) बताया था। इसके बाद उनके डांस और जिम के वीडियो सामने आए तो उनकी आलोचना शुरू हो गई। विकलांगता मानदंड के तहत उनके चयन पर सवाल उठ रहे हैं।
अभिषेक सिंह ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट कर दिया जवाब
आलोचनाओं के बाद अभिषेक ने एक्स पर अपना लंबा जवाब लिखा है। हालांकि, इसमें भी उन्होंने अपनी विकलांगता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मैं किसी आलोचना से प्रभावित नहीं होता, लेकिन यह पहली बार है जब मैं अपने आलोचकों को जवाब दे रहा हूं क्योंकि मेरे समर्थकों ने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा था। जब से मैंने आरक्षण का समर्थन करना शुरू किया है, आरक्षण विरोधियों ने मुझे निशाना बनाया है।'
कौन हैं पूर्व IAS अभिषेक सिंह
अभिषेक उत्तर प्रदेश के जौनपुर के निवासी हैं। उन्होंने UPSC परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की थी। अभिषेक के पिता प्रमोटी IPS रहे हैं। अभिषेक की पत्नी दुर्गा शक्ति 2009 बैच की IAS अधिकारी हैं। अभिषेक गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बतौर चुनाव प्रेक्षक कार के साथ तस्वीर साझा की थी। तब उनको प्रेक्षक से हटा दिया गया। इसके बाद अभिषेक काम पर नहीं लौटे। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
अभिनय के शौकीन हैं अभिषेक
अभिषेक ने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का बाद अभिनय में हाथ आजमाया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। उन्होंने राजनीति में उतरने के लिए भी काफी प्रयास किया। जौनपुर में उन्होंने भव्य गणेशोत्सव कराया और निषाद रथ चलाया। पिछले दिनों खबर आई कि सफलता न मिलने पर उन्होंने फिर से नौकरी ज्वाइन करने का पत्र दिया है, जिसे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नहीं स्वीकारा। अब विकलांगता कोटे से भर्ती का मामला, उनकी गले का फांस बन गया है।
सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
क्या है लोकोमोटिव डिसऑर्डर?
लोकोमोटिव डिसऑर्डर (LD) में सेब्रेल पैलसी, एसिड अटैक पीड़ित, बौनापन, मांसपेशीय दुर्विकास आदि समस्याएं आती हैं। इसके अंतर्गत हाथ, पैर जैसे शरीर कई अंगों को काम न करने के आधार पर शामिल किया गया है। आरोप है कि अभिषेक को इसी कोटे का फायदा मिला।