कर्नाटक में पावर प्लांट की 60 फीट गहरी नहर में गिरा हाथी, जानिए कैसे निकाला गया
क्या है खबर?
कर्नाटक के शिवनसमुद्र में एक हाथी पावर प्लांट के 60 फीट गहरे नहर में गिर गया था, जिसे बचाने के लिए 100 लोगों को जुटना पड़ा। हालांकि, किसी तरह हाथी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बचाव अभियान का वीडियो और तस्वीरें भारतीय वन सेवा अधिकारी परवीन कासवान ने एक्स पर साझा किया है, जिसमें हाथी को सुरक्षित निकालते दिखाया गया है। हाथी 2 दिन से नहर के अंदर ही फंस हुआ था।
घटना
नहर में कैसे गिरा हाथी?
दरअसल, 12 वर्षीय हाथी शनिवार को पायनियर जेनको लिमिटेड पावर प्लांट की नहर में पानी पीने के लिए उतरा था, लेकिन तेज बहवा और चिकनी खड़ी ढलान के कारण हाथी फिसल गया। वह दीवार पर चढ़ने और बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भारी शरीर होने के कारण वह सफल नहीं हुआ। करीब 2 दिन से ज्यादा समय तक वह नहर में खड़ा रहा। इसकी जानकारी वन विभाग को हुई तो उसने बचाव अभियान शुरू किया।
अभियान
हाथी को बाहर कैसे निकाला?
वन विभाग ने सोमवार से बचाव अभियान शुरू किया। उसने पहले बांध में पानी का स्तर बढ़ने के कारण अभियान रद्द कर दिया था, लेकिन फिर नई रणनीति बनाई। टीम ने रात भर पानी का स्तर कम करने के लिए काम किया और मंगलवार को बेंगलुरु से एक हाइड्रोलिक क्रेन मंगाई। हाथी को सीधे उठाने की जगह बेहोश किया गया और एक कंटेनर भेजकर उसके पैरों को बेल्ट-रस्सी से बांधकर उसमें रखा और मशीन के जरिए उसे बाहर निकाला।
बीमार
अभियान के दौरान बरती गई सावधानी
टीम ने बताया कि पानी में लगातार रहने से उसकी सूंड पर फंगल संक्रमण हो गया था और 60 फीट गहरे पानी से उसे उठाना असंभव था। बचाव अभियान के दौरान यह सुनिश्चित किया कि उसकी सूंड पानी के संपर्क में न आए ताकि उसका दम घुट न जाए। हाथी को बाहर निकालने के बाद शिवनसमुद्र के पास कावेरी वन्यजीव अभयारण्य में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया, जहां उसने चरना शुरू कर दिया है।
पोस्ट
वन सेवा अधिकारी ने कहा- अभियान की कल्पना मुश्किल
कासवान ने अभियान का वीडियो साझा कर लिखा, 'यह कितना बड़ा अभियान होगा! देखिए कैसे सैकड़ों कर्मचारियों ने शिवनसमुद्र में नहर में फंसे इस हाथी को बचाया। यकीन करने के लिए देखिए। कोई भी कल्पना कर सकता है कि इस विशालकाय जानवर को कैसे उठाया और बचाया गया। खासकर, जब वे स्वेच्छा से ऐसा नहीं करते। मैंने गैंडों और हाथियों सहित कई बड़े शाकाहारी जानवरों के बचाव अभियानों का निरीक्षण किया है। कोई भी बचाव अभियान एक जैसे नहीं होते।'