जेपी इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ गिरफ्तार, जानिए क्या है आरोप
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को जेपी इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक (MD) मनोज गौड़ को 12,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। ED के अधिकारियों ने बताया कि यह जांच घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़ी है और व्यवसायी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है। मामले में गौड़ से आगे की पूछताछ की जाएगी।
छापा
मई में मारी गई थी बड़ी छापेमारी
केंद्रीय एजेंसी ने मई 2025 में PMLA के तहत रियल एस्टेट कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अलावा जेपी एसोसिएट्स और उसके साथ अन्य कंपनियों के कार्यालय और परिसर पर छापा मारा था। उस समय दिल्ली और मुंबई समेत कंपनी के 15 से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। एजेंसी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और अन्य कंपनियों के खिलाफ जांच में 1.70 करोड़ रुपये की नकदी, कागजात, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए थे।
मामला
पूरा मामला क्या है?
मामला उन हजारों घर खरीदारों से जुड़ा है, जिन्होंने कंपनी के रियल एस्टेट उपक्रमों में निवेश किया, लेकिन उन्हें कभी फ्लैटों का कब्जा नहीं मिला। इनमें कई फ्लैट 2010-11 में बिक गए, लेकिन निर्माण में देरी और धन दुरुपयोग के कारण निवेशकों को घर नहीं मिले। इसके बाद घर खरीदारों के व्यापक विरोध के बाद 2017 में FIR हुई, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू हुई। प्राथमिकियों में दावा है कि निवेशकों से एकत्रित धन दूसरी जगह भेजा गया।