तेलंगाना सरकार को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने किसानों से संबंधित योजना पर लगाई रोक
तेलंगाना में चुनावों से ठीक पहले राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने राज्य में रायथु बंधु योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली नकद राशि के वितरण पर रोक लगा दी है। पहले आयोग ने इसकी अनुमति दी थी, लेकिन बाद में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के बाद इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। विपक्षी पार्टियों ने इसके खिलाफ आयोग में शिकायत की थी।
आयोग ने क्यों वापस ली अनुमति?
आयोग ने 24 नवंबर को के चंद्रशेखर राव की सरकार को योजना के तहत किसानों को राशि वितरित करने की अनुमति दी थी। हालांकि, आयोग ने कहा था कि सरकार इसका महिमामंडन न करे, लेकिन नेता चुनावी प्रचार के दौरान योजना के बारे में बात कर रहे थे। राज्य के वित्त मंत्री ने कहा था कि 28 नवंबर को नाश्ता करने से पहले किसानों के खाते में पैसे आ जाएंगे, जिसके बाद कांग्रेस ने आयोग से शिकायत कर दी।
बैंक छुट्टी के कारण 28 नवंबर को आनी थी राशि
आयोग ने राज्य सरकार को 28 नवंबर तक किसानों को राशि वितरित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि 25, 26 और 27 नवंबर को बैंक बंद रहेंगे, इसलिए 28 नवंबर को किसानों के खाते में राशि डाली जाएगी। सरकार ने कहा था कि करीब 70 लाख किसानों के खाते में रबी फसल के लिए सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के जरिए भेजी जाएगी।
क्या है रायथु बंधु योजना?
तेलंगाना सरकार ने 2018 में रायथु बंधु योजना शुरू की थी। इसके तहत किसानों के खाते में साल में 2 बार (खरीफ और रबी फसल) के लिए प्रति एकड़ 5,000 रुपये की राशि दी जाती है। इसका उद्देश्य बीज, उर्वरक, कीटनाशकों और खेत की तैयारी पर आने वाली लागत संबंधी खर्चों में किसानों को सहायता प्रदान करना है। सरकार इसे अपनी सबसे महत्वाकांक्षी योजना के तौर पर प्रचारित करती है।
तेलंगाना में 30 नवंबर को होना है विधानसभा चुनाव का मतदान
तेलंगाना में विधानसभा चुनावों के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है। यहां भारत राष्ट्र समिति (BRS), कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। मुख्यमंत्री राव इस बार 2 सीटों से मैदान में हैं। 2018 के चुनावों में उनकी पार्टी ने 88, कांग्रेस ने 19, AIMIM ने 7, TDP ने 2 और भाजपा ने महज एक सीट जीती थी। पिछले चुनावों में राव ने अपना कार्यकाल पूरा होने से 9 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।