घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं अब सरकारी आश्रय केंद्रों में 10 दिन रह सकेंगी
क्या है खबर?
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के अस्थायी निवास के लिए केंद्र सरकार बड़ी योजना बना रही है, जिसके तहत महिलाओं को सरकारी केंद्रों पर अधिक दिन ठहरने का मौका मिल सकेगा।
महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए वन-स्टॉप सेंटरों में अस्थायी आश्रय की अवधि को 5 दिन से बढ़ाकर 10 दिन करने की योजना है।
इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में पीड़ित ऐसे केंद्रों में 15 दिनों तक रह सकते हैं।
फैसला
झारखंड में महिला पंचायत नेताओं के सम्मान समारोह में पहुंची हैं मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने यह बात झारखंड के रांची में बुधवार रात को कही है। वे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पंचायत नेताऔ ओर सरपंचों को सम्मानित करने के लिए राज्य में हैं।
झारखंड के कोडरमा से सांसद हैं। उन्होने कहा कि जिन महिलाओं को दीर्घकालिक आश्रय की आवश्यकता होती है, उनके लिए केंद्रों में 'स्वाधार गृह' की व्यवस्था करते हैं, जो सरकार या गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रबंधित या संबद्ध होते हैं।
सेंटर
क्या है वन स्टॉप सेंटर?
वन स्टॉप सेंटर की शुरूआत निर्भया कांड के बाद किया गया था, जिसके अंतर्गत रेप पीड़िताओं के अलावा अन्य पीड़िता महिलाओं को एक छत के नीचे जांच और काउंसिलिंग समेत सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं।
वर्तमान कानून के अनुसार, सेंटर का उद्देश्य निजी, सार्वजनिक स्थानों, परिवार, समुदाय, कार्यस्थल पर हिंसा प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान करना है।
यहां महिलाएं अपने बच्चों (सभी उम्र की लड़कियां, लड़के 8 वर्ष तक) के साथ अधिकतम 5 दिन अस्थायी आश्रय ले सकती हैं।