मुबंई: क्या पुलिस को चकमा देकर विदेश भाग गए परमबीर सिंह? तलाश में जुटी हैं एजेंसियां
क्या है खबर?
एंटीलिया के बाहर विस्फोटक सामग्री से भरी कार के मिलने और मामले से जुड़े मनसुख हिरेन की हत्या मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच का सामना कर रहे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह लापता है।
कोर्ट की ओर से बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी वह उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
इसके अलावा जांच एजेंसियां भी उन्हें नहीं ढूंढ पा रही है। ऐसे में अब उनके विदेश भागने की खबरें भी आ रही है।
पृष्ठभूमि
सिंह ने कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद गृहमंत्री देशमुख पर लगाया था आरोप
मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद सिंह ने मार्च में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि अनिल देशमुख ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने के मामले में गिरफ्तार किए गए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि देशमुख पुलिसकर्मियों को घर बुलाकर मामलों की जांच को विशेष दिशा में ले जाने को कहते थे।
इस्तीफा
देशमुख को देना पड़ा था इस्तीफा
सिंह के आरोपों के बाद मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गया था। 5 अप्रैल को हाई कोर्ट ने CBI को मामले की प्राथमिक जांच का आदेश दिया था। इसको लेकर देशमुख ने गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उसके बाद 24 अप्रैल को CBI ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया था।
इसी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कार्रवाई शुरू की थी। पिछले महीने ED ने देशमुख की 4.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी।
परेशानी
देशमुख पर आरोप लगाने के बाद अवैध वसूली के मामलों में फंसे सिंह
देशमुख पर आरोप लगाने के बाद सिंह खुद भी वसूली के मामलों में फंसते गए।
कार्रवाई शुरू हुई तो वह चंडीगढ़ चले गए और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर छुट्टी ले ली। वह कई नोटिसों के बाद भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए।
एक सदस्यीय जांच टीम और बॉम्बे हाईकोर्ट के समन पर भी उपस्थित नहीं होने पर उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद भी मामले की जांच और पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए।
FIR
इन मामलों में दर्ज हो चुकी है सिंह के खिलाफ FIR
सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ अवैध वसूली का पहला मामला 22 हुलाई को मरीन ड्राइव थाने में दर्ज हुआ था। उनके खिलाफ एक बिल्डर ने 15 करोड़ की मांग करने का आरोप लगाया था।
इसी तरह 23 जुलाई को कोपरी थाने में अवैध वसूली का मामला दर्ज किया गया था।
इसी तरह 30 जुलाई को ठाणे पुलिस ने व्यापारी केतन तन्ना की शिकायत पर सिंह सहित 27 अन्य के खिलाफ फिरौती का मामला दर्ज किया था।
जानकारी
गोरेगांव पुलिस ने भी दर्ज किया है मामला
गोरेगांव पुलिस ने 21 अगस्त को व्यापारी विमल अग्रवाल की शिकायत पर सिंह के खिलाफ IPC की धारा 384, 385 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था। रेस्त्रां के मालिक अग्रवाल ने उन पर 11.92 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया था।
लापता
जांच एजेंसियों को नहीं मिल रहे हैं परमबीर सिंह- पाटिल
कई नोटिस जारी किए जाने के बाद भी परमबीर सिंह के उपस्थित नहीं होने के बाद जांच एजेंसियों ने उनकी तलाश की, लेकिन वो नहीं मिल रहे हैं।
इसको लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, "जांच एजेंसियों को परमबीर सिंह के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनका पता लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारत सरकार के साथ हम भी कोशिश कर रहे हैं और उन्हें खोज रहे हैं।"
सूचना
मिली है परमबीर सिंह के विदेश जाने की सूचना- पाटिल
परमबीर सिंह के रूस भागने के सवाल पर गृह मंत्री पाटिल ने कहा, "मैंने भी उनके विदेश भाग जाने की खबरें सुनी हैं, लेकिन एक सरकारी अधिकारी होने के नाते वह बिना बताए और बिना मंजूरी के विदेश नहीं जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "यदि वह विदेश चले गए हैं तो यह ठीक नहीं है। सरकार के कई नोटिसों के बावजूद जांच एजेंसियों के सामने पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है।"
सीमाएं
सभी के लिए होती हैं सीमाएं- पाटिल
गृह मंत्री पाटिल ने कहा, "चाहे कोई मंत्री हो या अधिकारी या फिर मुख्यमंत्री, सभी के लिए सीमाएं होती हैं। भारत सरकार की अनुमति के बिना कोई भी देश से बाहर नहीं जा सकता। कोई भी इन सीमाओं को पार नहीं कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "सिंह के ऐसा करने पर क्या कार्रवाई की जा सकती है, इस पर केंद्र से चर्चा करनी होगी। महाराष्ट्र सरकार उन्हें ढूंढ रही है और एक बार वह मिल जाए तो हम फैसला करेंगे।"