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दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश त्यागी निलंबित किए गए

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश त्यागी निलंबित किए गए

Oct 28, 2020
06:03 pm

क्या है खबर?

सरकार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश त्यागी को निलंबित कर दिया है। इससे पहले राष्ट्रपति ने त्यागी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की अनुमति दी थी। दरअसल, प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े कई मामले सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने योगेश त्यागी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला लिया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद एक समिति ने उनके खिलाफ आरोपों की जांच की थी और अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

आदेश

अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे प्रोफेसर त्यागी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को चिट्ठी लिखकर कहा है कि योगेश त्यागी के खिलाफ अब जांच होगी और कुलपति के पद पर रहते हुए जांच प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उन्हें अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है। उनकी जगह प्रोफेसर पीसी जोश उनका कार्यभार संभालेंगे। बता दें, बतौर कुलपति प्रोफेसर योगेश जोशी का कार्यकाल 15 मार्च, 2021 को समाप्त हो रहा है।

विवाद

क्या है विवाद?

बीते सप्ताह त्यागी ने अवकाश पर रहते हुए पीसी जोशी को प्रति कुलपति के पद से हटाकर उनकी जगह नॉन कॉलेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड की निदेशक गीता भट्ट को उनकी जगह तैनात कर दिया। इसी बीच जोशी ने साक्षात्कार पूरा होने और कार्यकारी परिषद की मंजूरी मिलने पर नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। उसी दिन त्यागी ने भी पीसी झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दे दी।

दखल

मंत्रालय ने किया हस्तक्षेप

अधिकारों को लेकर यह टकराव झा के एक पत्र के बाद और बढ़ गया। दरअसल झा ने खुद को कार्यवाहक रजिस्ट्रार बताते हुए शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा कि त्यागी के लिए सभी फैसले नियमानुसार है और किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। प्रवेश प्रक्रिया के बीच यूनिवर्सिटी में इस स्थिति से अफरा-तफरी फैल गई। मामला सामने आने के बाद मंत्रालय ने इसमें हस्तक्षेप किया। शिक्षा मंत्री ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे।

कार्रवाई

पीसी झा के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के संकेत

मंत्रालय ने कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहे टकराव में हस्तक्षेप करते हुए कहा त्यागी द्वारा की गई नियुक्तियां वैध नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अवकाश पर रहते हुए इन्हें मंजूरी दी है। साथ ही इन नियुक्तियों के लिए प्रति कुलपति को विश्वास में नहीं लिया गया। इसके साथ ही मंत्रालय ने विवाद में शामिल और नए रजिस्ट्रार बनाए गए पीसी झा के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। उन्हें भी निलंबित किया जा सकता है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिये निलंबन का आदेश