अपराधियों का गढ़ है दिल्ली का जहांगीरपुरी इलाका, अवैध हथियार मिलना बड़ी बात नहीं- पुलिस
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हनुमान जयंती पर सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र रहे जहांगीरपुरी इलाके को लेकर दिल्ली पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
जहांगीरपुरी में क्षेत्र को संभालने वाले कई बड़े अधिकारियों की माने तो यह इलाका अपराधियों का गढ़ है और यहां अपराधियों के पास अवैध हथियार मिलना कोई बड़ी बात नहीं है।
हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस इलाके के अपराधियों ने कभी भी स्थानीय पुलिस थाने पर हमला नहीं किया है।
पृष्ठभूमि
जहांगीरपुरी में कैसे हुई हिंसा की शुरुआत?
बता दें कि जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। शोभायात्रा वालों का कहना था कि मुस्लिम इलाके से निकलने पर उन पर पत्थर फेंके गए थे। इसके कारण ही हिंसा भड़की थी।
दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि शोभायात्रा में शामिल लोगों ने मस्जिद पर भगवा झंडा फहराने की कोशिश की थी। इस हिंसा में आठ पुलिसकर्मी सहित 10-12 लोग घायल हो गए थे।
जानकारी
पुलिस ने अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने हिंसा का वीडियो देखकर आरोपियों की पहचान की और अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वीडियो में दो लोगों को गोली चलाते हुए देखा गया था। इनमें से एक शूटर गिरफ्तार हो चुका, वहीं दूसरा शूटर सोनू शेख फरार है।
पथराव
सोमवार को महिलाओं ने किया पुलिस पर पथराव
शनिवार की हिंसा में फायरिंग के आरोपी सोनू शेख का पता लगाने के लिए सोमवार दोपहर उसकी पत्नी से पूछताछ करने गई पुलिस पर करीब 50 महिलाओं ने पथराव कर दिया। इसमें एक इंस्पेक्टर घायल हो गया था।
इससे इलाके में फिर से तनाव बढ़ गया। बाद में पुलिस ने महिलाओं को समझाकर शांत कराया तथा एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया।
इतिहास
कैसा रहा है जहांगीरपुरी इलाके में अपराधों का इतिहास?
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, प्रसिद्ध आजादपुर बजार के करीब स्थित जहांगीरपुरी थाने में प्रतिदिन औसतन चार मामले दर्ज होते हैं। इसके हिसाब से हर छह घंटे में एक मामला दर्ज किया जाता है।
इतना ही नहीं डकैती के मामलों में जहांगीरपुरी थाना शीर्ष 10 थानों में शामिल है।
पिछले साल इस थाने में कुल 1,130 मामले सामने आए थे। इसी तरह साल 2022 में इस सांप्रदायिक हिंसा के मामले से पहले 439 मामले दर्ज हो चुके हैं।
बयान
"अपराधियों का गढ़ है जहांगीरपुरी इलाका"
दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले में पुलिस उपायुक्त (DCP) के रूप में काम कर चुके एक भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी ने न्यूज 18 से कहा, "जहांगीरपुरी इलाका अपराधियों का गढ़ है। इस जिले को चलाने के लिए जहांगीरपुरी में कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता रहती है। इसके लिए पुलिस का इलाके में अच्छा नेटवर्क और पैठ होनी जरूरी है।"
उन्होंने कहा, "डकैती जैसे अधिकतर अपराधों में जहांगीरपुरी का कोई न कोई अपराधी शामिल पाया जाता है।"
खौफ
"बीट अधिकारी के बिना इलाके में जाने से बचती है पुलिस"
एक अन्य पूर्व DCP ने कहा, "अपराध शाखा, विशेष प्रकोष्ठ या पुलिस का कोई भी अधिकारी बीट अधिकारी के समर्थन के बिना जहांगीरपुरी इलाके में जाने से बचता है। हालांकि, शनिवार की तरह पुलिस पर हमला अभूतपूर्व है।"
क्षेत्र में थानाप्रभारी रह चुके एक अधिकारी ने कह, "जहांगीरपुरी में कुशल चौक एक ऐसा क्षेत्र है जहां कानून व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती रहती है। स्थानीय कर्मचारियों और बीट अधिकारियों के पास अच्छे स्रोत होना जरूरी है।"
हथियार
जहांगीरपुरी में हथियार मिलना कोई आश्चर्य की बात नहीं- पुलिस
हिंसा में अवैध हथियारों के इस्तेमाल पर पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा, "इलाके में काम कर चुके किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में प्रवासियों की संख्या बढ़ी है। यह दिल्ली के शीर्ष क्षेत्रों में से एक है जहां अवैध हथियार आसानी से खरीदे जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "पुलिस के कई ऑपरेशन के बाद भी अपराधी आसानी से अवैध हथियार खरीद लेते हैं।"
बयान
अन्य राज्यों में भी अपराधों को अंजाम देते हैं जहांगीरपुरी के अपराधी
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि जहांगीरपुरी के अपराधी दिल्ली ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी वारदातों को अंजाम देते हैं। आए दिन दूसरे राज्यों की पुलिस उनसे सहयोग मांगती है। अपराधी दूसरे राज्यों में अपराध के बाद फिर से दिल्ली आ जाते हैं।"