दिल्ली में विस्फोट हुई i20 कार के बारे में क्या पता चला, शहर में कैसे घुसी?
क्या है खबर?
दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम को हुंडई i20 कार के अंदर हुए भीषण विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि धमाके के लिए आतंकियों ने कार का इस्तेमाल किया, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट था। जांच की सुई कार के इर्द-गिर्द है, जो कई बार बेची और खरीदी गई है। कार के बारे में क्या-क्या पता चला? आइए जानते हैं।
जांच
गुरूग्राम के सलमान के नाम पंजीकृत है कार
वर्ष 2013 मॉडल वाली कार (HR26CE7674 ) हरियाणा के गुरूग्राम निवासी सलमान के नाम पर पंजीकृत है। सलमान ने इसे 2014 में खरीदा था। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में लिखा है कि सलमान कार के पहले मालिक हैं। विस्फोट के बाद पुलिस ने जब सलमान से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि कार को डेढ साल पहले ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दी थी। पुलिस ने देवेंद्र से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने कार सोनू को बेच दी थी।
पंजीकरण
सोनू के माध्यम से कार जम्मू-कश्मीर पहुंची
पुलिस ने सोनू से संपर्क किया तो पता चला कि कुछ हफ्तों पहले कार फरीदाबाद के सेक्टर-37 स्थित कार डीलर 'रॉयल कार जोन' के जरिए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक को बेची है। तारिक ने कार आमिर को दी और आमिर ने कार डॉक्टर उमर मोहम्मद को सौंप दी। कार बेचने-खरीदने में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ, जिससे जांच एजेंसियों का शक गहरा गया है। पुलिस को शक है कि विस्फोट के समय कार उमर चला रहा था।
जांच
जम्मू-कश्मीर से फिर दिल्ली पहुंची कार
जम्मू-कश्मीर पहुंचने के बाद कार फिर से दिल्ली पहुंच गई। कार का 20 सितंबर, 2025 को फरीदाबाद में चालान हुआ है, जिससे डॉक्टर उमर पर शक गया है। डॉक्टर उमर सोमवार को फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील का जानने वाला था, जिसके फरीदाबाद स्थित किराए के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला है। उमर भी फरीदाबाद में कार्य कर रहा था। शक है कि कार को आतंकी घटना के लिए दोबारा दिल्ली लाया गया।
रास्ता
बदरपुर के रास्ते कार ने दिल्ली में प्रवेश किया
कार ने सुबह 8 बजे बदरपुर बॉर्डर के रास्ते फरीदाबाद से दिल्ली में प्रवेश किया था। इसके बाद उसे दोपहर 3 बजे उत्तरी दिल्ली में पेट्रोल भराते देखा गया। फिर दोपहर 3:19 बजे कार लाल किले के पास पार्क हुई और 3 घंटे वहीं रही। शाम 6:48 बजे बाहर निकली और 6:52 बजे सुभाष मार्ग सिग्नल पर रुकते ही विस्फोट हो गया। जांच जारी है कि कार सुबह 8 से 3 बजे के बीच कहां गई और चालक किससे मिला।
जानकारी
कार के मालिक बदले, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं
जांच अधिकारियों का कहना है कि सलमान ने कार देवेंद्र को बेची, लेकिन दस्तावेजों का हस्तांतरण उसे नहीं किया था। इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए कार पुलवामा तक पहुंच गई। विस्फोट के दिन तक कार का आधिकारिक मालिक सलमान ही था।