दिल्ली: देश विरोधी बयान के लिए अरुंधति रॉय के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली
क्या है खबर?
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।
दोनों पर वर्ष 2010 में दिल्ली में एक सेमिनार के दौरान भारत विरोधी टिप्पणी करने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
उपराज्यपाल कार्यालया ने बताया कि दोनों पर भाषणों के लिए IPC की धारा 153A (समुदायों के बीच नफरत फैलाना), 153B, और 505 के तहत अपराध का मामला बनता है।
शिकायत
रॉय पर क्या आरोप?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुंधति रॉय और पूर्व प्रोफेसर के खिलाफ सुशील पंडित और 'रूट्स इन कश्मीर' नाम के एक कश्मीरी पंडित संगठन ने शिकायत की थी।
सुशील पंडित का आरोप था कि सम्मेलन के दौरान जिस मुद्दे पर चर्चा और प्रचार किया गया, वह 'कश्मीर को भारत से अलग करना' था।
यह भी आरोप लगाया गया कि भाषण उत्तेजक प्रकृति के थे, जिससे सार्वजनिक शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
मुकदमा
राजद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की नहीं दी मंजूरी
मामले में उपराज्यपाल ने IPC की धारा 124A (देशद्रोह) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी।
इसके पीछे कारण बताया कि मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि राजद्रोह के मामले में संवैधानिक पीठ का फैसला आने तक सभी लंबित मुकदमे, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाए।
मामले में 2 अन्य आरोपी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और दिल्ली विश्वविद्यालय के सैयद अब्दुल रहमान गिलानी की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।