दिल्ली: फ्लैट को 'गैस चैंबर' बना महिला और उसकी दो बेटियों ने की आत्महत्या
क्या है खबर?
दिल्ली के वसंत विहार में एक महिला और उसकी दो बेटियों के फ्लैट को 'गैस चैंबर' में बदल कर आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
फ्लैट से प्राप्त हुए सुसाइड नोट्स में रोंगटे खड़े कर देने वाली उनकी योजना का खुलासा हुआ है।
मृतकों की पहचान 50 साल से अधिक उम्र की मंजू और अंशिका और अंकु नामक उसकी दो बेटियों के तौर पर हुई है।
मामले में जांच जारी है।
आत्महत्या
पीड़ितों ने ऐसे फ्लैट को बनाया गैस चैंबर
पुलिस के अनुसार, मंजू और उसकी बेटियों ने आत्महत्या करने से पहले फ्लैट के सभी दरवाजों, खिड़कियों और वेंटीलेटर्स को पॉलिथिन की मदद से सील पैक कर दिया और फिर रसोई गैस को खोल कर अंगीठी को जलते हुए छोड़ दिया।
ऐसा करने से पूरे फ्लैट में जहरीली कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस बन गई और ये गैस चैंबर में तब्दील हो गया।
इससे फ्लैट में मौजूद तीनों लोगों की मौत हो गई।
सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में फ्लैट में घुसने वालों को किया गया सावधान
घटना की जानकारी मिलने पर जब पुुलिस मौके पर पहुंची तो उसे एक ही कमरे में तीनों के शव मिले और अंगीठी उनके बगल में जल रही थी।
एक सुसाइड नोट में फ्लैट में घुसने वाले लोगों के लिए दिशा-निर्देश लिखे हुए थे।
इसमें लिखा था, "बहुत ज्यादा घातक गैस... अंदर कार्बन मोनो-ऑक्साइड है। ये ज्वलनशील है। कृपया खिड़की खोल कर और पंखा चलाकर कमरे को वेंटीलेट करें। माचिस, मोमबत्ती या अन्य कुछ न जलाएं।"
जानकारी
पर्दे हटाने को लेकर भी किया गया आगाह
अंग्रेजी में लिखे गुए सुसाइड नोट में पर्दे हटाने को लेकर भी सावधान किया गया। इसमें लिखा था, "पर्दे हटाने समय सावधान रहें क्योंकि कमरा खतरनाक गैस से भरा हुआ है। सांस न लें।"
संभावित वजह
पिछले साल मंजू के पति की मौत के बाद से ही परेशान था परिवार
अभी तक मंजू और उसकी बेटियों की आत्महत्या का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
हालांकि घर में काम करने वाली महिला और पड़ोसियों ने बताया कि पिछले साल कोविड की वजह से मंजू के पति की मौत हो गई थी और तभी से पूरा परिवार परेशान था।
पुलिस ने बताया कि मंजू की तबीयत भी पिछले काफी समय से खराब थी और वह अधिकतर अपने बेड पर ही पड़ी रहती थी।
आत्महत्या के आंकड़े
न्यूजबाइट्स प्लस
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में देशभर में कुल 1,53,052 लोगों ने आत्महत्या की। ये 2019 के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है।
2020 में व्यापारियों की आत्महत्या करने की घटनाओं में 2019 की तुलना में 50 प्रतिशत इजाफा देखा गया।
किसी भी श्रेणी में यह सबसे बड़ा इजाफा रहा और इस साल देश में किसानों से ज्यादा कारोबारियों ने आत्महत्या की।
पूरे साल में 12,500 छात्रों ने भी आत्महत्या की।