दिल्ली कोचिंग हादसा: मुर्दाघर में नहीं दिखाए गए मृतकों के चेहरे, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
क्या है खबर?
दिल्ली में शनिवार रात को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले 3 अभ्यर्थियों की मौत के मामले में अब अमानवीयता की बात भी सामने आई है।
हादसे के बाद दिल्ली में अस्पताल के मुर्दाघर पहुंचे परिजनों को उनके बच्चों का चेहरा तक नहीं देखने दिया और उनका नाम लिखा कागज थमाकर वहां से भगा दिया।
परिजनों ने कोचिंग संचालक पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोप
श्रेया के परिजनों ने कोचिंग संचालकों पर लगाए गंभीर आरोप
घटना में जान गंवाने वाली उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के बरसावां हाशिमपुर निवासी श्रेया यादव के परिजनों में शामिल धर्मेंद्र यादव ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई, उनकी बेटी मर गई। इसके बाद भी कोचिंग संचालकों ने उन्हें सूचित नहीं किया।
उन्होंने टीवी पर देखकर कोचिंग में फोन किया तो उन्होंने 2 लोगों की मौत होने की बात कही, लेकिन यह नहीं बताया कि श्रेया भी इस हादसे का शिकार हुई है। यह बेहद गंभीर मामला है।
अमानवीयता
अस्पताल में नहीं दिखाया बेटी का शव
धर्मेंद्र ने दुखी होते हुए कहा कि घटना के बाद देर रात वह दिल्ली पहुुंच गए थे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर अपनी बेटी की पहचान कराने को कहा तो उन्हें चेहरा तक नहीं दिखाया गया।
अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बेटी का नाम लिखा हुआ कागज थमाते हुए कहा कि यह पुलिस केस है और पोस्टमार्टम होने तक किसी को शव देखने की इजाजत नहीं है।
ऐसे में उन्हें बिना शव की पहचान किए ही वहां से जाना पड़ा।
घटना
कैसे हुई 3 अभ्यर्थियों की मौत?
दिल्ली में शनिवार शाम को जबरदस्त बारिश हुई। इसके बाद कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 12 फीट तक पानी भर जाने से श्रेया के अलावा तेलंगाना निवासी तान्या सोनी और केरल निवासी नेविन डाल्विन की मौत हो गई थी।
घटना के समय कोचिंग सेंटर में 30 से अधिक छात्र थे, जिन्हें गोताखारों की मदद से बाहर निकाला, लेकिन इन तीनों को बचाया नहीं जा सका।
पुलिस ने मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार कर लिया है।