श्रद्धा हत्याकांड: दिल्ली पुलिस के हाथ लगी अहम ऑडियो क्लिप, श्रद्धा से लड़ रहा है आफताब
चर्चित श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस के हाथ एक ऑडियो क्लिप लगी है, जिसमें आरोपी आफताब पूनावाला को श्रद्धा के साथ लड़ते हुए सुना जा सकता है। इस क्लिप को पुलिस अहम सबूत मान रही है जो इस जघन्य हत्याकांड के पीछे के मकसद को और पुख्ता करेगा। इसी कारण दिल्ली की एक कोर्ट के आदेश पर आफताब को वॉयस सैंपलिंग टेस्ट के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मुख्यालय लाया गया है।
ऑडियो क्लिप और आफताब की आवाज को किया जाएगा मैच
दिल्ली पुलिस की फॉरेंसिक टीम ऑडियो क्लिप को आफताब की आवाज के सैंपल के साथ मैच करेगी। यह दोनों आवाजें अगर मैच होती हैं तो इस हत्याकांड में आफताब के खिलाफ यह एक और अहम सबूत साबित होगा। बीते शुक्रवार को आफताब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुआ था। इसी दौरान कोर्ट ने वॉयस सैंपलिंग टेस्ट के लिए दिल्ली पुलिस को अनुमति दी थी और उसकी न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया था।
आफताब के वकील ने जताई टेस्ट पर आपत्ति
आफताब के वकील ने कोर्ट में आफताब के किसी भी तरह के टेस्ट पर आपत्ति जताई थी। उसने कोर्ट से कहा था कि नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट जैसी जांच के लिए आरोपी की सहमति जरूरी है। हालांकि इस केस में जन भावनाओं को देखते हुए कोर्ट ने आरोपी आफताब की वायस सैंपलिंग और नार्को टेस्ट कराने का आदेश दिया था। बीते 1 दिसंबर को दिल्ली के अंबेडकर अस्पताल में आफताब का नार्को टेस्ट किया गया था।
मजिस्ट्रेट ने कहा- निष्पक्ष जांच जरूरी
आफताब के वॉइस सैंपल टेस्ट की मंजूरी देते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौर ने कहा, "यह सच है निष्पक्ष सुनवाई एक अभियुक्त का अधिकार है, लेकिन यह भी सच है कि जनभावनाओं को देखते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कोई अपराध सिर्फ इसलिए छिपा नहीं रह सकता क्योंकि आरोपी जांच में सहयोग करने के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण वॉइस सैंपलिंग टेस्ट के जांच अधिकारी के आवेदन को मंजूरी दी जाती है।"
क्या है श्रद्धा हत्याकांड?
दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। 26 वर्षीय श्रद्धा के लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला पर उसकी हत्या करने का आरोप लगा है। जांच में सामने आया है कि आफताब ने शादी का दबाव बनाने पर मई में श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर फ्रीज में रख दिए। इन टुकड़ों को उसने 18 दिन तक अंधेरे में अलग-अलग जगहों पर महरौली के जंगलों में फेंका।