मध्य प्रदेश: गैंगरेप पीड़िता ने की आत्महत्या, मुख्यमंत्री ने दिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के आदेश
क्या है खबर?
देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। दुष्कर्म और गैंगरेप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप के बाद एक दलित युवती की मौत से देशभर में हंगामा मचा हुआ है।
इसी बीच मध्य प्रदेश में एक दलित गैंगरेप पीड़िता महिला ने पुलिस के कार्रवाई नहीं करने से दुखी होकर शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
प्रकरण
28 सितंबर को गांव के तीन लोगों ने किया था पीड़िता से गैंगरेप
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में चिचली थाना क्षेत्र के एक गांव में गत 28 सितंबर को गांव के तीन लोगों ने एक 32 वर्षीय दलित विवाहित महिला से खेत पर गैंगरेप किया था।
उसके बाद पीड़िता ने गोटटोरिया पुलिस चौकी पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
शुक्रवार को एक अन्य महिला के ताना मारने से दुखी होकर पीड़िता ने घर पहुंचने के बाद फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली।
आदेश
मुख्यमंत्री ने दिए दोषी चौकी प्रभारी को गिरफ्तार करने के निर्देश
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दलित महिला के आत्महत्या करने के बाद मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौकी प्रभारी और सहायक उप निरीक्षक (ASI) मिश्रीलाल गोपडे के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा नरसिंहपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) राजेश तिवारी और गाडरवारा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (SDOP) सीताराम यादव को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।
बयान
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी कार्रवाई के आदेश की जानकारी
मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट किया, 'आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के अलावा दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बलात्कारी शैतान हैं, जिनका समाज में कोई स्थान नहीं है।'
कार्रवाई
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपी अरविंद चौधरी, परसू चौधरी और अनिल राय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376-D के तहत गैंगरेप का मामला दर्ज किया है। इसके अलावा दबिश देकर एक आरोपी अरविंद को गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मोतीलाल और लीलाबाई को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि फरार दो आरोपियों की गिरफ्तार के लिए दबिश दी जा रही है।
आरोप
परिजनों ने लगाया पुलिस के कार्रवाई नहीं करने का आरोप
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता के पति ने आरोप लगाया कि वह और उसकी पत्नी पिछले तीन दिन से मामला दर्ज कराने के लिए चौकी के चक्कर काट रहे थे, लेकिन पुलिस मामला दर्ज करने की जगह उनसे ही सवाल पर सवाल कर रही थी।
इधर, SDOP सीताराम यादव ने बताया महिला और उसके पति ने घटना के दिन मौखिक शिकायत दी थी, लेकिन वह स्पष्ट नहीं थी। इससे मामला दर्ज नहीं किया गया था।
निशाना
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने साधा सरकार पर निशाना
इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, "खरगोन, सतना, जबलपुर के बाद अब एक और दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता की शिकायत सुनने के बजाय, उसके परिवार को परेशान किया गया जिसके बाद उसने अपना जीवन समाप्त कर लिया। क्या यही भाजपा सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढाओ नारे की हकीकत है?" उन्होंने जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी
साल 2019 में मध्य प्रदेश में दर्ज हुए दुष्कर्म के 150 मामले
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार मध्य प्रदेश में साल 2019 में दुष्कर्म के 150 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे यह साबित होता है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है।