कोरोना वायरस: धारावी में फिर बढ़ने लगे संक्रमित, एक महीने में सात गुना बढ़े सक्रिय मामले
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में एक बार फिर से संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं और मुंबई की धारावी बस्ती भी इस उछाल से अछूती नहीं है।
पिछले एक महीने में यहां सक्रिय मामलों की संख्या सात गुना बढ़ गई है और दैनिक मामले एक बार फिर से दोहरे अंकों में पहुंच गए हैं।
इस वृद्धि को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बस्ती में फिर से 'धारावी मॉडल' को लागू कर दिया है।
उछाल
फरवरी के दूसरे हफ्ते से धारावी में बढ़ना शुरू हुए मामले
महाराष्ट्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर और जनवरी में दैनिक मामलों की संख्या इकाई में रहने के बाद फरवरी के दूसरे हफ्ते से धारावी में फिर से मामले बढ़ने लगे हैं।
पिछले आठ में से अधिकांश दिन बस्ती में दोहरे अंकों में नए मामले सामने आए हैं और 3 मार्च को सबसे अधिक 14 संक्रमित मिले।
इस उछाल के कारण बस्ती में सक्रिय मामलों की संख्या 22 जनवरी को 10 से बढ़कर 4 मार्च को 73 हो गई है।
बयान
सामुदायिक शौचालय साबित हो रहे सुपर-स्प्रेडर- BMC
BMC के सहायक नगर आयुक्त किरण दिघावकर ने बताया, "संक्रमण की शुरूआत झुग्गी बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) और राज्य आवास बोर्ड (MHADA) की इमारतों से हुई, लेकिन अब हमें बस्ती में भी मामले देखने को मिल रहे हैं। सामुदायिक शौचालय सुपर-स्प्रेडर साबित हो रहे हैं।"
कदम
संक्रमण को काबू में करने के लिए फिर से लागू किया गया 'धारावी मॉडल'
दिघावकर ने बताया कि कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए BMC ने फिर से उसी 'धारावी मॉडल' को लागू कर दिया है जिसकी मदद से पिछले साल संक्रमण पर काबू पाया गया था।
उन्होंने कहा कि बस्ती में बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग की जा रही है और BMC ने आगामी आठ दिन में धारावी की पूरी आबादी की तापमान और ऑक्सीजन स्तर के लिए स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य रखा है।
रणनीति
संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत किया जा रहा RT-PCR टेस्ट
दिघावकर ने कहा कि जिन लोगों में स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना जैसे लक्षण दिखते हैं, उन्हें तुरंत RT-PCR टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है।
टेस्टों की संख्या भी बढ़ाई गई है और अभी धारावी में रोजाना 100-50 टेस्ट किए जा रहे हैं। दिघावकर ने कहा कि यहां हर पॉजिटिव मामले पर 15-20 लोगों की टेस्टिंग की जा रही है और नौ स्वास्थ्य केंद्रों पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
धारावी मॉडल
क्या है धारावी मॉडल?
धारावी मॉडल में नए मामले सामने आने का इंतजार करने की बजाय वायरस का पीछा किया जाता है। बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और संस्थागत क्वारंटाइन इस मॉडल के केंद्र में हैं।
पिछले साल जून में इस मॉडल को अपनाते हुए धारावी के 47,500 घरों में लगभग सात लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी और लक्षणों वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया था।
विश्व बैंक से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) धारावी मॉडल की तारीफ कर चुके हैं।
समस्या
धारावी में तंग इलाके और झुग्गियों में रहते हैं 8.50 लाख लोग
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में 240 हेक्टेयर में 57,000 से अधिक झुग्गियां बनी हुई हैं। हर झुग्गी औसतन 250 वर्ग फुट की है और इसमें औसतन 10 से 12 लोग एक साथ रहते हैं।
यहां की गलियां और रास्ते बेहद तंग हैं और सभी झुग्गियों में मिलाकर 8.50 लाख से अधिक लोग रहते हैं।
इलाके में प्रति वर्ग किलीमोटर में 66,000 लोग रहते हैं जो देश के अन्य किसी इलाके से बेहद अधिक है।
खतरा
इन कारणों से रहता है धारावी में संक्रमण फैलने का खतरा
इन सभी परिस्थितियों के कारण धारावी में सोशल डिस्टेसिंग का पालन लगभग नामुमकिन है और ऐसे इलाके कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए सबसे मुफीद होते हैं।
इसके अलावा धारावी के निवासी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से भी आते हैं और इस कारण उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।
इन्हीं वजहों से विशेषज्ञों को चिंता रहती है कि अगर धारावी में संक्रमण फैला तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। हालांकि अभी तक यह आशंकाएं सही साबित नहीं हुई हैं।