शिमला: मस्जिद विवाद पर हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन; बैरिकेडिंग तोड़ी, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन आज उग्र हो गया है। हिंदू संगठनों द्वारा बुलाई गई आक्रोश रैली में हजारों लोग पहुंचे और मस्जिद की अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
लोगों ने सड़क पर पढ़ी हनुमान चालिसा
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संजौली पहुंचने से रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड लगाए हैं। प्रदर्शनकारी ढली टनल में बैरिकेड तोड़कर संजौली की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की खबर है। पुलिस ने वाटर कैनन से भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोग संजौली-ढली सड़क पर बैठकर ही हनुमान चालिसा का पाठ करने लगे। हालात अभी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने तोड़ी बैरिकेडिंग
इलाका छावनी में तब्दील
प्रदर्शन को देखते हुए संजौली की ढली टनल को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पूरे इलाके में आज सुबह 7 बजे से धारा 163 लागू कर दी गई। अब 5 या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस ने हिंदू जागरण मंच के नेता कमल गौतम को हिरासत में लिया है। ड्रोन से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
मुख्यमंत्री बोले- कानून के हिसाब से होगी कार्रवाई
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "प्रशासन हर चीज को देख रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं है। हम सभी समुदाय का सम्मान करते हैं। कानून को हाथ में लेने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। मामले को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। सदन में समिति गठित कर दी गई है, जो कि स्ट्रीट वेंडर के लिए मानक तय करेगी। मस्जिद में कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी।"
मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?
हिंदू संगठनों का आरोप है कि संजौली इलाके में अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया गया है। दरअसल, ये मस्जिद 1947 में बनी थी। 2010 में इसका पुननिर्माण किया गया। 2010 तक ये मस्जिद एक मंजिला थी, लेकिन अब बहुमंजिला हो गई है। नगर निगम के पास अवैध निर्माण की शिकायत भी पहुंची है और कई बार नोटिस भी जारी किए गए हैं। फिलहाल कमिश्नर कोर्ट में मामला भी चल रहा है।