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भारतीय बाजारों में 4 साल बाद फिर आएंगे चीनी सामान, जानिए सरकार क्यों दे रही अनुमति
भारतीय बाजारों में फिर से आएंगे चीनी सामान

भारतीय बाजारों में 4 साल बाद फिर आएंगे चीनी सामान, जानिए सरकार क्यों दे रही अनुमति

Nov 04, 2025
12:44 pm

क्या है खबर?

भारतीय बाजार में पिछले 4 सालों से नदारद चीनी सामान फिर से दस्तक देने को तैयार हैं। सरकार ने चीन के साथ तनाव के कारण पिछले 4 सालों से चीनी सामानों के आयात लगी रोक को हटाना शुरू कर दिया है। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जूतों, रोजमर्रा के घरेलू सामान, स्टील उत्पादों, कच्चे माल और अन्य तैयार माल लाने की इच्छुक भारतीय कंपनियों को यह मंजूरी दी जा रही है। आइए जानते हैं सरकार ने यह कदम क्यों उठाया है।

रोक

भारत ने 2020 में लगाई थी आयात की मंजूरी पर रोक

दरअसल, भारत में चीनी सामान लाने के लिए विदेशी विनिर्माण संयंत्र से अनिवार्य प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है। भारत और चीन के बीच सीमा पर हुई झड़पों और राजनयिक संबंधों में आई गिरावट के बाद साल 2020 की शुरुआत से ही सरकार ने इन मंजूरियों पर रोक लगा दी थी। इकनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार, स्थानीय कारखानों को तुरंत मंजूरी मिल गई, जबकि चीनी इकाइयों को मंजूरी मिलने में देरी हुई, जिससे आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई थी।

मांग

GST दर में कटौती से बढ़ी मांग

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने वस्तु और सेवा कर (GST) में कटौती के कारण उपभोक्ता क्षेत्रों में चीनी सामारों की मांग में तेजी के कारण यह रोक हटाई है। कंपनियों ने 22 सितम्बर को GST दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कीमतों में कटौती की और अपेक्षा से अधिक तेजी से स्टॉक को खत्म किया। ऑटोमोबाइल, बड़े स्क्रीन वाले टीवी, वाशिंग मशीन, डिशवॉशर और रेफ्रिजरेटर आदि की बिक्री असामान्य रूप से अधिक रही है।

स्टॉक

कंपनियों के पास खत्म हुआ स्टॉक

रिपोर्ट के अनुसार, GST में कटौती के बाद बिक्री में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद कंपनियों के बाद चीनी सामानों का पूरा स्ट्रॉक खत्म हो गया। ऐसे में उसे फिर से भरने में मुश्किलें आ रही हैं। प्रीमियम इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पहली बार प्रतीक्षा अवधि शुरू हुई है और कंपनियों का कहना है कि इस लंबित मामले को सुलझाने में हफ्तों लग सकते हैं। ऐसे में सरकार पर चीनी सामान के आयात की मंजूरी देने का दबाव बढ़ गया।

कदम

सरकार ने क्या उठाया कदम?

चीनी सामानों के आयात के लिए मंजूरी आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने हाल ही में निर्माताओं को पत्र लिखकर कंपनी-वार विवरण मांगा है, जहां विदेशी निर्माताओं की प्रमाणन योजना में देरी हो रही थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "हम जल्द ही चीन सहित कई देशों के आपूर्तिकर्ताओं के लिए लाइसेंस जारी करना और उनका नवीनीकरण करना शुरू करेंगे।"

अनुमोदन

BIS का अनुमोदन भी है जरूरी

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमों के अनुसार, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत आने वाले उत्पादों का निर्माण करने वाली किसी भी घरेलू या विदेशी कंपनी के लिए प्रमाणन अनिवार्य है। BIS की टीमें अनुमोदन देने से पहले विदेशी कारखानों का भौतिक निरीक्षण करती हैं। घरेलू संयंत्रों को बिना किसी देरी के मंजूरी दे दी गई, लेकिन विदेशी संयंत्रों, खासकर चीन स्थित संयंत्रों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में काफी देरी हुई है।

कारण

भारत-चीन संबंधों में सुधार होना भी है वजह

आयात की रुकी हुई मंजूरी फिर से शुरू किए जाने के पीछे भारत-चीन व्यापार संबंधों में हाल ही में हुई सकारात्मक प्रगति भी बड़ा कारण मानी जा रही है। चीन ने 6 महीने के विराम के बाद भारत को भारी दुर्लभ मृदा चुम्बकों का निर्यात फिर से शुरू कर दिया है, जिससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के निर्माताओं पर दबाव कम हुआ है। अब देश में चीनी सामानों का आयात भी आसान हो जाएगा।

संबंध

भारत और चीन के बीच सहज हुए हैं राजनयिक संबंध

भारत और चीन के बीच अब राजनयिक संबंध भी सहज हो गए हैं। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं और भारत ने चीनी नागरिकों के लिए व्यावसायिक वीजा भी जारी करना शुरू कर दिया है। यह प्रगति अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के बाद हुई हैं, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। हालांकि, चीन से निवेश प्रवाह प्रेस नोट 3 के तहत अनुमोदन के अधीन रहेगा।