#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान और चीन के संयुक्त नौसेना अभ्यास के क्या मायने?
क्या है खबर?
पाकिस्तान और चीन की नौसेनाएं मिलकर अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कर रही हैं। बीते शनिवार को दोनों देशों की नौसेनाओं ने सी गार्डियन, 2023 सैन्य अभ्यास की शुरुआत की।
इस अभ्यास के लिए कराची के बंदरगाह पर चीनी युद्धपोत और एक पनडुब्बी पहुंची है।
ये अभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन ने हिंद महासागर में अपनी गतिविधियों का काफी विस्तार किया है।
आइए जानते हैं कि इस सैन्य अभ्यास के क्या मायने हैं।
अभ्यास
क्या है सी गार्डियन अभ्यास और इसका उद्देश्य?
सी गार्डियन, 2023 पाकिस्तान और चीन की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
दोनों देशों की नौसेनाएं उत्तरी अरब सागर में पेशेवर और सामाजिक गतिविधियों के अलावा अग्रिम स्तर के संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगी।
अभ्यास का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में समकालीन पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों पर पेशेवर अनुभव साझा करना और दोनों नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना है।
ये अभ्यास पाकिस्तान नौसेना और चीनी नौसेना के बीच मजबूत द्विपक्षीय सैन्य सहयोग दिखाता है।
अभ्यास
कौन-सी चीनी पनडुब्बी अभ्यास में शामिल?
कराची के बंदरगाह में सैन्य अभ्यास के लिए 039 डीजल-इलेक्ट्रिक चीनी पनडुब्बी भी पहुंची है।
ये पनडुब्बियां सैद्धांतिक रूप से कई सालों तक समुद्र तल में ही डूबी रह सकती हैं क्योंकि इन्हें ईंधन की आपूर्ति के लिए सतह पर आने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि इस अभ्यास में चीनी बेड़े में कोई परमाणु पनडुब्बी है या नहीं। चीन हिंद महासागर में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का संचालन भी करता रहा है।
अन्य तैनाती
कराची में मौजूद चीनी बेड़े में और क्या है?
NDTV के पास मौजूद सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कराची बंदरगाह पर चीन का टाइप 926 पनडुब्बी जहाज भी मौजूद है। ये जहाज पनडुब्बियों को ईंधन सप्लाई करता है और संकट में फंसने पर उन्हें बचाने में सक्षम है।
इसके अलावा चीनी नौसेना के बेड़े में एक टाइप 52D विध्वंसक, दो टाइप 54 लड़ाकू जहाज और एक टाइप 903 पनडुब्बी भी शामिल है, जो युद्धपोतों और पनडुब्बी को लंबी दूरी का अभियान संचालित करने में सहायता करते हैं।
चीन
चीन की तैनाती के क्या मायने?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, मलक्का जलडमरूमध्य के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद चीन की टाइप-039 पनडुब्बी और P-8 टोही युद्धपोत को ट्रैक किया गया है।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि हिंद महासागर में चीन की ये अधिकतम उपस्थिति है और वह जब चाहे यहां युद्धपोतों को तैनात कर सकता है और उसे इसमें कोई बाधा नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि चीन ने अफ्रीका के जिबूती में भी ऐसा किया है।
युद्ध
क्या चीन कर रहा है भारत की जासूसी?
पिछले साल से हिंद महासागर में चीनी जहाजों की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं।
हाल में एक चीनी अनुसंधान जहाज शि-यान 6 श्रीलंका में रुका, लेकिन इससे पहले इस जहाज को तमिलनाडु समुद्र तट और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बीच उत्तर में बंगाल की खाड़ी में देखा गया था।
इससे आशंका जताई गई है कि चीन भारत की जासूसी कर रहा है और वह बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर में पनडुब्बी का संचालन करने में सक्षम है।
चीन
हिंद महासागर में कितना मजबूत हुआ चीन और इसके क्या मायने?
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश का कहना है कि रणनीतिक तौर पर ये स्वीकार करना होगा कि चीन ने पिछले 2 दशकों में हिंद महासागर में अपने महत्वपूर्ण हितों को साधा है।
उन्होंने बताया कि चीन ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 2016 में जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा स्थापित किया था।
उन्होंने कहा कि इसके बाद महासागर में चीनी नौसेना की उपस्थिति बढ़ी और जब चाहे वह इनका इस्तेमाल कर सकता है।
भारत
भारतीय नौसना क्या कर रही है?
अप्रैल में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि भारतीय नौसेना पाकिस्तानी बंदरगाहों पर चीनी नौसेना के जहाजों की बड़ी तैनाती पर नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा था, "पिछले कुछ समय से हिंद महासागर क्षेत्र में 3 से 6 चीनी युद्धपोत होते हैं और चीन इस क्षेत्र में अनुसंधान पोत भी तैनात करता आया है, जिन पर भारतीय नौसेना के युद्धपोत हर गतिविधि पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।"
अमेरिका
न्यूजबाइट्स प्लस
हिंद महासागर में चीनी युद्धपोतों पर नजर बनाए रखने के लिए भारत और अमेरिका साथ मिलकर काम करते हैं। अमेरिका चीन की हर गतिविधि और उससे जुड़ी खुफिया जानकारी भारत सरकार के साथ साझा करता है।
भारत-अमेरिका के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए समझौता हुआ है।
हाल में श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका ने कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया है, जिसमें अडाणी समूह भी भागेदार है।