
छत्तीसगढ़: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भूमि-वित्तीय सहायता देगी सरकार, जानें नई नीति की खास बातें
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर कड़ी कार्रवाई के बीच सरकार ने उनके पुनर्वास और आत्मसमर्पण के लिए नई नीति को मंजूरी दी है। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को जमीन और आवास के साथ ही हथियारों के लिए 5 लाख तक की राशि दी जाएगी।
नई नीति का उद्देश्य नक्सल हिंसा के पीड़ितों को ज्यादा मुआवजा, मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और नौकरी के अवसर प्रदान करना है। इससे आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने में सहायता मिलेगी।
आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेंगे इतने रुपये
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 50,000 रुपये नकद सहायता मिलेगी।
लाइट मशीन गन के लिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख, AK-47 राइफल के लिए 4 लाख और इंसास के लिए 2 लाख रुपये मिलेंगे।
अविवाहित नक्सली को विवाह के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
अगर 5 लाख या इससे ज्यादा का इनामी नक्सली आत्मसमर्पण करता है तो उसे शहरी क्षेत्र में 1,742 वर्ग फीट जमीन या ग्रामीण क्षेत्रों में एक हेक्टेयर कृषि भूमि आवंटित की जाएगी।
मुखबिर
मुखबिरों को मिलने वाली राशि भी बढ़ी
नक्सल विरोधी अभियानों में अगर पुलिस की मदद करने वाले मुखबिरों की मौत होती है तो उनके परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। पहले ये राशि 5 लाख रुपये थी। ये केंद्रीय योजनाओं के तहत देय मुआवजे से अलग होगा।
इसी तरह अगर मुखबिरों को स्थायी विकलांगता होती है तो उन्हें 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। पहले ये राशि 3 लाख रुपये थी।
परिजन
आत्मसमर्पण कराने पर परिजनों को मिलेंगे 50,000 रुपये
नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने पर उनके स्वजन को 50,000 रुपये की राशि दी जाएगी।
इसके अलावा नक्सली के विरुद्ध घोषित इनामी राशि का 10 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये समर्पण में मदद कराने वाले पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को दिए जाएंगे।
नक्सलियों की 60 प्रतिशत से अधिक इकाई के सामूहिक आत्मसमर्पण पर यह राशि दोगुनी हो जाएगी।
नक्सली हिंसा में पीड़ित दूसरे राज्य के व्यक्ति भी नीति में लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
पीड़ित
नक्सलवाद के पीड़ितों के लिए हुए ये ऐलान
नक्सली हमले में हत्या, गंभीर चोट या स्थायी विकलांगता होने पर पीड़ित को शहरी क्षेत्रों में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि या 1,742 वर्ग फीट आवासीय भूमि प्रदान की जाएगी।
अगर जमीन नहीं दी जा सकती तो ग्रामीण क्षेत्रों में पीड़ितों को 4 लाख और शहरी क्षेत्रों में 8 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
अगर पीड़ित परिवार घटना के 3 साल के भीतर भूमि खरीदता है तो उसे 2 एकड़ भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से छूट मिलेगी।
नीति
नक्सल मुक्त पंचायतों को मिलेंगे एक करोड़ रुपये
नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 3 साल तक मुफ्त आवास और भोजन समेत 10,000 की मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
नक्सल मुक्त ग्राम पंचायतों को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों, बिजली और फोन नेटवर्क की मंजूरी दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, "हथियार डालने वाले नक्सलियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जमीन और मकान आवंटित किए जाएंगे। नई नीति में वित्तीय सहायता सहित कई प्रावधान शामिल किए गए हैं।"