चेन्नई: छात्रा ने की आत्महत्या, लिखा- सिर्फ मां के गर्भ और कब्र में सुरक्षित हैं लड़कियां
बीते शनिवार चेन्नई में एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने अपने दर्दनाक सुसाइड नोट में लिखा है कि लड़कियां सिर्फ मां के गर्भ और कब्र में ही सुरक्षित हैं। छात्रा ने कहा है कि हर माता-पिता को अपने बच्चों और बेटों को लड़कियों का सम्मान करना सिखाना चाहिए। शनिवार को छात्रा की मां कुछ देर के लिए बाजार गयी थी, तभी छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
21 वर्षीय कॉलेज छात्र को किया गिरफ्तार
NDTV की खबर के अनुसार, आत्महत्या के तीन दिन बाद पुलिस ने एक 21 वर्षीय कॉलेज छात्र को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया कि युवक ने अपराध कबूल कर किया है। उस पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर पता लगा रही है कि क्या किसी और ने भी लड़की का उत्पीड़न किया था।
पिछले दो हफ्तों से मानसिक प्रताड़ना झेल रही थी छात्रा
छात्रा पिछले दो हफ्तों से प्रताड़ना झेल रही थी। छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा कि स्कूल सुरक्षित नहीं है और शिक्षकों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उसने लिखा कि मानसिक प्रताड़ना के कारण न तो वह पढ़ सकती है और न ही सो सकती है। नोट में छात्रा ने यौन उत्पीड़न बंद करने और न्याय देने की मांग की। छात्रा ने 'रिश्तेदार, शिक्षक और सभी' को संभावित उत्पीड़न करने वाला बताया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जारी किया वीडियो संदेश
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आत्महत्याओं के मामलों पर एक वीडियो संदेश जारी किया है। वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि लोगों की मौत उन्हें परेशान करती है। उन्होंने लोगों से ऐसे कदम न उठाने और साहस करके अपराधियों की शिकायत करने का आग्रह किया जिससे उन्हें न्याय के दायरे में लाया जा सके। दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में कथित यौन उत्पीड़न के कारण चार और आत्महत्याएं हुई हैं जिनमें से दो मामलों में शिक्षकों पर आरोप लगे हैं।
परेशान होने पर मदद मांगने में संकोच ना करें
उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का सामना करने पर मदद मांगने में संकोच ना करें। आप मदद के लिए इन हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए वंद्रेवाला फाउंडेशन 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com और TISS iCall 022-25521111 (सोमवार-शनिवार: सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक) पर सम्पर्क कर सकते हैं। यदि आपको सहायता की आवश्यकता है या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं तो कृपया अपने निकटतम मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
2020 में रोजाना बलात्कार के औसतन 77 मामले सामने आए
पिछले साल का राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का डाटा बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश करता है। NCRB के डाटा के मुताबिक, साल 2020 में पूरे देश भर में रोजाना बलात्कार के औसतन 77 मामले रिपोर्ट किए गए। इसी तरह पिछले साल भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए। NCRB के मुताबिक, पिछले साल देशभर में दर्ज किए गए कुल मामलों में से 28,046 मामले बलात्कार से जुड़े हुए थे, जिनमें 28,153 महिलाएं पीड़ित थीं।