अगले साल की शुरुआत में हो सकता है चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण, इस बार नहीं होगा ऑर्बिटर
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में लगातार नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर दुनिया में भारत की छवि को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
इसी कड़ी में ISRO ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की तैयारी कर ली है और वह चंद्रयान-2 की कमियों को पूरा करने के लिए 2021 की शुरुआत में चंद्रयान-3 लांच कर सकता है। इस मिशन की तैयारियों जोर-शोर से चल रही है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
बयान
चंद्रयान-2 का ही पुन: अभियान होगा चंद्रयान-3
DNA के अनुसार केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर 'हार्ड लैंडिंग' के बाद संपर्क टूट गया था, जिसके बाद ISRO ने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की योजना बनाई थी। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से इसके प्रक्षेपण में देरी होती चली गई। अब इसका प्रक्षेपण 2021 की शुरूआत में होने की संभावना है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि चंद्रयान-3 भारत के चंद्रयान-2 मिशन का ही पुन: अभियान होगा।
बयान
चंद्रयान-3 में नहीं होगा ऑर्बिटर
सिंह ने बताया कि चंद्रयान-2 में एक लैंडर, एक रोवर और एक ऑर्बिटर था, लेकिन चंद्रयान-2 से सबक लेने के बाद ISRO ने चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर शामिल नहीं करने का फैसला लिया है और इसमें केवल एक लैंडर और एक रोवर ही लगाया जाएगा।
सफलता
सिंह ने गिनाई चंद्रयान-1 की सफलताएं
सिंह ने कहा, "चंद्रयान-1 ने कुछ चित्र भेजे थे जिनमें चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग सी लगती दिखाई दे रही है। NASA के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो और चंद्रमा की रक्षा कर रहा हो।"
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 के डाटा से ये संकेत भी मिले थे कि चांद के ध्रुव पर पानी है और वैज्ञानिक इसका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
बयान
जारी है इंसान को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी- सिंह
सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष में मानव भेजने के भारत के प्रथम अभियान 'गगनयान' की तैयारियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी में महामारी के कारण कुछ अड़चनें आई हैं, लेकिन 2022 के आसपास की समय सीमा को पूरा करने की कोशिशें जारी है।
चंद्रयान-2
हार्ड लैंडिंग के कारण अंतिम समय में लैंडर 'विक्रम' से टूट गया था सपंर्क
भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए चंद्रयान-2 मिशन तैयार किया था। इसका पिछले साल 22 जुलाई को सफल प्रक्षेपण किया गया था।
इसके बाद 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने को तैयार था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए ISRO पहुंचे थे, लेकिन लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग के कारण भारत का पहले प्रयास में ऐसा करने का सपना टूट गया था।