दो हफ्तों में 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाएं राज्य- केंद्र
देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रहे तेज इजाफे के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हालात बद से बदतर हो रहे हैं। साथ ही मंत्रालय ने सभी राज्यों से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को अगले दो हफ्तों में वैक्सीन लगाने को कहा है। गौरतलब है कि 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
90 फीसदी मौतें 45 साल से अधिक उम्र वर्ग में
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शनिवार को केंद्र ने 46 ऐसे जिलों के साथ बैठक की थी, जिनमें पिछले एक महीने में देश के 70 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इसमें केंद्र ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले 90 फीसदी मरीजों की उम्र 45 साल से अधिक थी। यानी इस उम्र वर्ग के लोग कोरोना का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अब उन्हें संक्रमण से सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगाई जाएंगी।
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को भेजा पत्र
45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि संक्रमितों की ज्यादा संख्या और मामलों में तेज वृद्धि देख रहे सभी जिले यह सुनिश्चित करें कि 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाए। इस स्तर पर किसी भी तरह की ढिलाई भारी पड़ सकती है।
वैक्सीनेशन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का आग्रह
भूषण ने अपने पत्र में राज्यों से वैक्सीनेशन अभियान में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का भी आग्रह किया है। उन्होंने लिखा है कि अभी तक केवल 16.53 फीसद वैक्सीनेशन ही निजी केंद्रों द्वारा किया गया है। साथ ही उन्होंने राज्यों से कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या कम करने पर काम करने को कहा है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना से होने वाली मौतों में चार गुणा की बढ़ोतरी हुई है।
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 6,30,54,353 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 19,40,999 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण चल रहा है।
बद से बदतर हो रहे हालात- केंद्र
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में महामारी की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि हालात बद से बदतर हो रहे हैं और कुछ राज्यों में संक्रमितों की संख्या में इजाफा चिंता का विषय है। मंत्रालय ने कहा कि देश में रोजाना सामने आ रहे कुल मामलों में से 78 फीसदी केवल महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात में मिल रहे हैं। इससे पता चलता है कि यह वायरस अभी भी सक्रिय है।
परीक्षण, पहचान और उपचार पर दिया जोर
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि तेजी से बढ़ते मामलों पर अधिक कोरोना टेस्ट, समय पर मरीजों की पहचान और उपचार के जरिये ही काबू पाया जा सकता है। ऐसे में प्रभावित राज्यों को अधिक से अधिक टेस्ट करने और क्लस्टर बनाने चाहिए। उन्होंने कुल टेस्ट में 70 प्रतिशत RT-PCR टेस्ट करने पर जोर देते हुए कहा कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें समय पर आइसोलेट कर उपचार मुहैया कराना चाहिए।