मणिपुर में हिंसा के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, AFSPA की अवधि बढ़ाई गई
मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) की अवधि बढ़ा दी है। गृह आयुक्त एन अशोक कुमार ने एक अधिसूचना में कहा कि मणिपुर के राज्यपाल की राय है कि राज्य में उग्रवादी समूहों की हिंसक गतिविधियों को देखते हुए नागरिक प्रशासन के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग करना आवश्यक हो गया है। इसे देखते हुए AFSPA को मंगलवार से 6 महीने के लिए बढ़ाया गया है।
इन क्षेत्रों में नहीं लागू होगा कानून
अधिसूचना के मुताबिक, इम्फाल, बिष्णुपुर, जिरीबाम और लाम्फेल सहित 19 पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए AFSPA लागू किया गया है। अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण किया और कहा है कि जमीनी स्तर पर विस्तृत आकलन करना उचित नहीं है। कहा गया है कि संवेदनशील मामले पर विस्तृत मूल्यांकन के बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, इसलिए ऐसे समय अशांत क्षेत्र की समीक्षा उचित नहीं।
मणिपुर में 1980 के दशक से प्रभावी है AFSPA
मणिपुर में AFSPA 1980 के दशक की शुरुआत से लागू है, जो एक औपनिवेशिक युग के अध्यादेश पर आधारित है। 2004 में इम्फाल नगरपालिका क्षेत्र से AFSPA को हटाया गया था। इसके बाद अप्रैल 2022 में 6 जिलों के 15 पुलिस थानों के अंतर्गत क्षेत्रों से और अप्रैल 2023 में 4 पुलिस थानों से AFSPA हटा लिया गया था। AFSPA के विरोध में मणिपुर में काफी बार आंदोलन भी हो चुका है।
मणिपुर में मई 2023 से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, 1,100 से ज्यादा घायल हुए हैं, सैकड़ों घर और प्रार्थनास्थल जलाए जा चुके हैं और 65,000 से ज्यादा लोगों को पलायन करना पड़ा है। मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें जनजाति का दर्जा दिया जाए जबकि, नगा और कुकी इसका विरोध कर रहे हैं।