केरल में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ एम्बुलेंस का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज
केरल पुलिस ने इस साल अप्रैल में त्रिशूर पूरम उत्सव में पहुंचने के लिए एम्बुलेंस का दुरुपयोग करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के जिला नेता सुमेश केपी की शिकायत के आधार पर केंद्रीय मंत्री गोपी और 2 अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 279 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179, 288 और 192 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की है।
केंद्रीय मंत्री पर क्या लगाए गए हैं आरोप?
पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से तत्कालीन भाजपा उम्मीदवार गोपी और अन्य आरोपियों ने सेवा भारती के स्वामित्व वाली एम्बुलेंस में यात्रा करके काननू का उल्लंघन किया है क्योंकि एम्बुलेंस का उपयोग केवल मरीजों के आवागमन के लिए किया जाता है। आरोप है कि तिरुवंबडी गुट द्वारा त्योहार को अस्थायी रूप से रोकने के बाद केंद्रीय मंत्री गोपी एम्बुलेंस में पूरम मैदान में पहुंचे थे। इस घटना से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
गोपी ने आरोपों को किया था खारिज
FIR में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री के पूरम के दिन (20 अप्रैल) भीड़ के बीच एम्बुलेंस को चलाने से मानव जीवन को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई थी। हालांकि, शुरुआत में गोपी ने आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने कहा था, "मैं घटनास्थल पर एम्बुलेंस से नहीं पहुंचा था। मैं एक निजी कार से पहुंचा था, जो जिला अध्यक्ष का निजी वाहन था।" उन्होंने इस मामले की सच्चाई के लिए CBI जांच की मांग की थी।
केंद्रीय मंत्री गोपी ने बदला बयान
इस मामले के बढ़ने के बाद केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान को बदला दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें एम्बुलेंस की मदद इसलिए लेनी पड़ी थी क्योंकि कुछ लोगों ने उनकी कार पर हमला कर दिया था। उस हमले में उनके पैर में भी चोट लगी थी। उसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया था, जो संकट में लोगों की मदद के लिए उत्सव स्थल पर खड़ी थी। उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है।