कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज, RSS की छवि धूमिल करने का आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर के तुकोगंज थाने में केस दर्ज किया गया है। दिग्विजय के खिलाफ हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजेश जोशी ने शिकायत दर्ज करवाई है। अधिवक्ता जोशी ने अपनी FIR में दिग्विजय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छवि धूमिल करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय पर क्यों हुआ केस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय ने दलितों, पिछड़े वर्गों, मुसलमानों और हिंदुओं के बीच संघर्ष पैदा करके लोगों को उकसाने के लिए RSS के पूर्व सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव के नाम और तस्वीर के साथ फेसबुक और ट्विटर पर एक भ्रामक पोस्ट की है। उन्होंने कहा कि गोलवलकर पर दिग्विजय की फेसबुक और ट्विटर पोस्ट ने कथित तौर पर संघ कार्यकर्ताओं और पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक मान्यताओं को आहत किया है।
इस पोस्ट को लेकर दर्ज हुआ केस
दिग्विजय ने विवादास्पद पोस्ट में क्या किया था दावा?
शनिवार को दिग्विजय ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें पूर्व RSS प्रमुख के हवाले से विवादास्पद टिप्पणियां पोस्ट की थीं, जो अपने प्रशंसकों के बीच 'गुरुजी' के नाम से जाने जाते हैं। दिग्विजय ने इस पोस्ट में दावा किया गया है कि गोलवलकर ने कहा था, 'मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।'
RSS पदाधिकारियों ने दिग्विजिय के दावों का किया खंडन
RSS के प्रचार विभाग के प्रमुख सुनील अंबेकर ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय पर गुरुजी की फोटो से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह बयान निराधार है, जो सामाजिक वैमनस्यता पैदा करने वाला है और गुरुजी ने कभी ऐसी टिप्पणी नहीं की। उनका दावा है कि गोलवलकर जी का जीवन सामाजिक भेदभाव को दूर करने में बीता और वह सबसे लंबे समय तक (1940-73) RSS के प्रमुख रहे थे।
किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?
इंदौर पुलिस के अधिकारी के अनुसार, दिग्विजय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153-A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता के आरोपों के आधार पर मुकदमे में IPC धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) भी जोड़ी गई हैं।