ममता सरकार को झटका, कोलकाता में रैली कर सकेगी भाजपा; हाई कोर्ट ने अनुमति बरकरार रखी
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपनी एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए भाजपा को 29 नवंबर को कोलकाता में रैली करने की अनुमति दे दी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस सिवागनानम और हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने पुराने फैसले के खिलाफ दायर पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने रैली पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने 20 नवंबर को रैली को मंजूरी दी थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
लाइव लॉ के मुताबिक हाई कोर्ट ने कहा, "एडवाइजरी में कहा गया कि कार्यक्रम से 2-3 सप्ताह पहले आवेदन करना होगा। यहां 23 दिन पहले आवेदन किया गया है। इसे कठोर नियम के रूप में नहीं लिया जा सकता और अधिकारियों के पास विवेकाधिकार निहित है। जुलूस, सभाएं और रैलियां राज्य और कोलकाता की नियमित विशेषताएं हैं। सत्तारूढ़ दल के कितने संगठनों ने अनुमति ली। इसे देखते हुए एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने में असमर्थ हैं।"
रैली में आएंगे अमित शाह समेत कई बड़े नेता
भाजपा की ओर से 29 नवंबर को कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के पास रैली का आयोजन किया जाएगा। रैली में ममता बनर्जी की सरकार को मनरेगा योजना में अनियमितताओं समेत कई अन्य मुद्दों पर घेरा जाएगा। रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री निरंजन ज्योति समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे। रैली के लिए भाजपा ने 2 बार पुलिस के पास आवेदन किया, लेकिन उसे अनुमति नहीं गई। इसके बाद वो कोर्ट गई।
बंगला सरकार ने क्यों किया रैली का विरोध?
बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील किशोर दत्ता ने कोर्ट को बताया कि विक्टोरिया हाउस रैलियां आयोजित करने के लिए सही स्थान नहीं है। उन्होंने विक्टोरिया हाउस से 150-170 मीटर दूर क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि विक्टोरिया हाउस में केवल 1993 की घटना को लेकर युवा कांग्रेस के सदस्यों के लिए स्मरणोत्सव दिवस होता है। बता दें कि विक्टोरिया हाउस में तृणमूल कांग्रेस (TMC) 21 जुलाई को अपना शहीदी दिवस मनाती है।