कलकत्ता हाई कोर्ट ने अस्पताल में हिंसा पर बंगाल सरकार को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार रात को घुसी हिंसक भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ और मारपीट के मामले पर सुनवाई की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस बर्बरता के लिए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार की कड़ी आलोचना की और इसे "राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता" बताया। कोर्ट ने इस मामले को इसलिए सूचीबद्ध किया है क्योंकि उसे हिंसा को लेकर कई ईमेल प्राप्त हुए थे।
कोर्ट ने कहा- अस्पताल को बंद कर देंगे
कोर्ट ने इसे दुखद बताते हुए कहा कि पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर सकती, तो डॉक्टर कैसे काम करेंगे? कोर्ट ने सरकार को फटकारते हुए कहा कि आप बिना किसी कारण धारा 144 लागू करते हैं, तो हंगामे की जानकारी होने पर इलाके में घेराबंदी करनी चाहिए, 7,000 लोग पैदल नहीं आ सकते। कोर्ट ने कहा कि वह अस्पताल बंद कर देगा और मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर देगा। उसने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने को कहा।
क्या है कोलकाता के अस्पताल में मारपीट का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर की बर्बरतापूर्वक रेप के बाद हत्या के मामले में डॉक्टर और कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार रात 11 बजे डॉक्टर परिसर के बाहर एक रैली निकालने वाले थे, लेकिन तभी अस्पताल के बाहर खड़ी भीड़ बैरीकेड तोड़कर परिसर में दाखिल हो गई। भीड़ ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की और अस्पताल में तोड़फोड़ मचा दी। पुलिस ने मामले में 19 को गिरफ्तार किया है।