प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में बड़ा घोटाला; कई लाभार्थियों का एक फोटो, खाता नंबर भी समान
क्या है खबर?
देश के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए लाई गई केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में योजना को लेकर कई खुलासे किए हैं। CAG ने कहा कि कई बैंक खातों में फर्जी नंबर डाले गए, तो कई लाभार्थियों के लिए एक ही फोटो का इस्तेमाल किया गया। इन खुलासों के बाद ये योजना सवालों में घिर गई है।
रिपोर्ट
34 लाख युवाओं का पैसा अटका, प्रशिक्षण केंद्र केवल कागजों में- रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, CAG ने बताया है कि कई लाभार्थियों के बैंक खाते में '11111111111' का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा एक ही फोटो को कई ID पर लगाया गया है। कागजों में ऐसे प्रशिक्षण केंद्रों को चालू दिखाया गया है, जो असल में बंद पड़े हैं। इतना ही नहीं करीब 34 लाख से ज्यादा युवाओं का पैसा अब तक अटका हुआ है और कई प्रशिक्षण केंद्रों पर ताले पड़ गए हैं।
गड़बड़ी
95 प्रतिशत बैंक खातों में सामने आईं गड़बड़ियां
CAG की जांच में पता चला कि लाखों बैंक खाते की जानकारी या तो भरी नहीं गई या गलत भरी गई। खातों में 11111111111 या 123456 जैसे फर्जी नंबर मिले। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 95.90 लाख प्रतिभागियों में से 94.53 प्रतिशत मामलों में बैंक खाते की जानकारी नहीं थी या वहां पर 'Null', 'N/A' और 'शून्य' लिखा हुआ था। बचे हुए 5.24 लाख खातों में भी नंबर '11111111111', '123456...', 'ABCDE' या विशेष चिन्हों के रूप में दर्ज थे।
बिहार
बंद पड़े केंद्र में चल रही थी ट्रेनिंग
CAG ने बताया कि जब उनकी टीम ने प्रशिक्षण केंद्रों का भौतिक निरीक्षण किया, तो और गड़बड़ियां सामने आईं। बिहार के एक जिले का उदाहरण देते हुए बताया गया कि जिन दिन टीम वहां गई, उस दिन वहां 2 बैचों का प्रशिक्षण निर्धारित था, जबकि केंद्र पर ताला लगा था। प्रशिक्षण देने वाले नियोक्ताओं का चयन भी गलत तरीके से किया गया। कई ऐसे संस्थानों को 'श्रेणी के श्रेष्ठ' का दर्जा दिया गया, जो पैमानों पर खरे नहीं उतरे।
ईमेल
केवल 3.95 प्रतिशत लाभार्थियों ने दिया ईमेल का जवाब
CAG ने ऑनलाइन सर्वे कर लाभार्थियों को ईमेल भेजे। इनमें से 36.51 प्रतिशत तो डिलीवर ही नहीं हो पाए, क्योंकि ईमेल ID फर्जी या गलत थी। जिन्हें ईमेल पहुंच सका, उनमें से मात्र 3.95 प्रतिशत ने जवाब दिया। हालांकि, इन 171 में से 131 जवाब खुद प्रशिक्षण केंद्रों की ईमेल ID से आई थीं। इससे यह पता चलता है कि लाभार्थियों का फर्जी डेटा भरा गया था, जो कागजों पर 'भूतिया लाभार्थी' होने का संकेत दे रहे हैं।
सरकार
अनियमितताओं पर सरकार ने क्या कहा?
CAG ने इन खामियों पर केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय से जवाब मांगा, तो मंत्रालय ने स्वीकार किया कि शुरुआती चरणों में कुछ चुनौतियां थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा कि उसने पिछले अनुभवों से सीखते हुए सुधारात्मक कदम उठाए हैं। अब 'स्किल इंडिया डिजिटल हब' के माध्यम से आधार-प्रमाणित ई-केवाईसी, फेस-ऑथेंटिकेशन और जियो-टैग्ड उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही QQR कोड वाले डिजिटल प्रमाणपत्र और सत्यापन-आधारित भुगतान प्रणाली लागू की गई है।