दिल्ली: अस्पतालों में डॉक्टरों-सुविधाओं की कमी, कोरोना फंड के करोड़ों रुपये इस्तेमाल नहीं हुए- CAG रिपोर्ट
क्या है खबर?
दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, बेड समेत मूलभूत सुविधाओं की कमी है, वहीं कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिली राशि भी पूरी खर्च नहीं की गई।
7 पन्नों की इस रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर भी कई खुलासे किए गए हैं।
कोरोना फंड
पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हुआ कोरोना फंड
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने कोविड फंड के लिए मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए।
अप्रयुक्त राशि में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती और वेतन के लिए मिले 52 करोड़ रुपये में से 30.52 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए गए।
वहीं PPE, दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति के लिए जारी किए गए अतिरिक्त 119.95 करोड़ रुपये में से भी केवल 83.14 करोड़ रुपये का ही उपयोग किया गया।
बिस्तर
दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के बीच अस्पतालों में 32,000 नए बिस्तर जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 ही जोड़े गए। यह कुल लक्ष्य का केवल 4.24 प्रतिशत है।
राजधानी के कई अस्पतालों में बिस्तर की भारी कमी है। इस वजह से बेड ऑक्यूपेंसी 101 प्रतिशत से 189 प्रतिशत तक रही। यानी एक ही बिस्तर पर 2-2 मरीजों को रखा गया या फर्श पर इलाज करना पड़ा।
पद
बड़े अस्पतालों में हजारों पद खाली
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 8,194 पद खाली पड़े हैं। लोक नायक अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय समेत 5 शीर्ष अस्पतालों में 2,000 से अधिक कर्मचारियों की कमी है।
जनकपुरी और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की 50 प्रतिशत, नर्सिंग स्टाफ की 73 प्रतिशत और पैरामेडिक्स की 17 प्रतिशत कमी है।
लोकनायक अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। यहां बड़ी सर्जरी के लिए 6 महीने तक इंतजार करना पड़ता है।
मोहल्ला क्लीनिक
रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर क्या-क्या खुलासे हैं?
आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक को अपनी बड़ी उपलब्धि बताती है। हालांकि, CAG रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर भी खुलासे किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 21 मोहल्ला क्लीनिक में शौचालय नहीं थे, 15 में बिजली बैकअप की सुविधा नहीं थी, 6 में डॉक्टरों के लिए टेबल तक नहीं थी और 12 में दिव्यांगों के लिए कोई सुविधा नहीं थी।
रिपोर्ट सामने आने के बाद विधानसभा में हंगामा होना तय है।