बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज गिरफ्तार, एक महीने से तलाश में थी पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिसंबर में हुई बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया है। बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश पर भीड़ को भड़काने का आरोप है। हिंसा के बाद से योगेश फरार था और पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई थी। योगेश को बुलंदशहर के खुर्जा से गिरफ्तार किया गया है। बजरंग दल के नेताओं ने ही योगेश को पुलिस को सौंपा है। आज पुलिस इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है।
#Visuals: Police arrests Yogesh Raj, the main accused in #Bulandshahr violence case pic.twitter.com/AS5zQDF7hd
— ANI UP (@ANINewsUP) January 3, 2019
बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे। भीड़ ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने अब तक इस मामले में कुल 31 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। योगेश हिंसा के बाद से ही फरार था। इसी दौरान उसने एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया था। योगेश की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर पुलिस पर सवाल उठ रहे थे। आज योगेश को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में प्रशांत नट को गिरफ्तार किया था। प्रशांत पर आरोप है कि उन्होंने इंस्पेक्टर को गोली मारी थी। पूछताछ में प्रशांत ने बताया कि कलुआ नाम के शख्स ने इंस्पेक्टर सुबोध पर कुल्हाड़ी से हमला किया था। पुलिस ने बीते सोमवार को कलुआ को गिरफ्तार किया है। पुलिस को अब इंस्पेक्टर सुबोध सिंह का पिस्तौल चुराने वाले शख्स की तलाश है। इस शख्स की पहचान हो चुकी है।
प्रशांत ने पुलिस को बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध भीड़ को समझा रहे थे तभी कलुआ नाम के व्यक्ति ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस हमले में उनका सिर फट गया। इसके बाद सुबोध जान बचाने के लिए खेतों में भागे, जहां प्रशांत और उसके साथियों ने उन्हें घेर लिया। घिरने के बाद सुबोध ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जो सुमित को लगी। इसके बाद प्रशांत और उसके साथियों ने इंस्पेक्टर से पिस्तौल छीनकर उनको गोली मार दी।
3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना थानाक्षेत्र में उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था। इस हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे, जबकि एक अन्य नागरिक की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, स्याना के एक गांव में गोवंश मिलने के बाद बजरंग दल और हिंदू युवा वाहिनी समेत कई हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे थे। यह भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर हमला कर दिया।