जमानत पर छूटे बुलंदशहर हिंसा के आरोपी, नारों के बीच माला पहनाकर हुआ स्वागत
क्या है खबर?
पिछले साल बुलंदशहर में हुई हिंसा के सात आरोपियों को हाई कोर्ट के आदेश के बाद जमानत मिली।
आरोपी राजीव, रोहित, राघव, शिखर अग्रवाल, जितेंद्र मलिक, राजकुमार और सौरव पर हत्या की कोशिश, दंगों और आगजनी के आरोप हैं।
दिसंबर में गोकशी के विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। आरोपी जब जेल से बाहर आए तो जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के साथ उनका स्वागत किया गया।
स्वागत
आरोपियों के साथ सेल्फी ले रहे थे लोग
इनमें से एक आरोपी शिखर अग्रवाल हिंसा के कई दिनों बाद तक पुलिस से बचने के लिए छिपते रहे थे।
शिखर भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं। उन्होंने एक दूसरे आरोपी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था।
जैसे ही ये आरोपी जेल से बाहर आए हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। सिर्फ इतना ही नहीं, लोग उनके साथ सेल्फियां भी ले रहे थे।
जानकारी
स्वागत का वीडियो वायरल
भीड़ में से किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। यह वीडियो अब वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग आरोपियों का गले लगकर स्वागत कर रहे हैं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये वीडियो
#WATCH Bulandshahr: Six accused persons in the #BulandshahrViolence case in which Inspector Subodh Kumar was killed last year, were welcomed with garlands after they were released on bail, yesterday. pic.twitter.com/PtuR2eHBsh
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2019
प्रतिक्रिया
SIT प्रमुख ने दिया यह बयान
मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम के प्रमुख राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "हम हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। नियमों के मुताबिक, आरोपियों को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वो किसी भी तरह से जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। अगर आरोपी शर्त का उल्लंघन करेंगे तो हम उनकी जमानत खारिज करने की याचिका दायर करेंगे।"
इस मामले में हत्या के 5 आरोपियों को अभी जमानत नहीं मिली है।
हिंसा
हिंसा में हुई थी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या
बीते साल 3 दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी में गौकशी की अफवाह फैली थी।
धीरे-धीरे इस अफवाह ने दंगे का रूप ले लिया और इलाके में जमकर हिंसा हुई।
इस दौरान लोग आगजनी और उपद्रव पर उतर आए। भीड़ को शांत कराने आए पुलिस इंस्पेक्टर की किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने इस हिंसा के मामले में 38 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से पांच पर इंस्पेक्टर की हत्या का आरोप है।
सवाल
हिंसा के आरोपियों का सम्मान क्यों?
इस पूरे प्रकरण के बाद सवाल उठ रहा है कि हिंसा भड़काने का आरोपियों का इस तरह सम्मान क्यों?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की और अब पार्टी के समर्थक आरोपियों का स्वागत कर रहे हैं।
वहीं भाजपा ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरोपियों का स्वागत करने वाले पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं।
पुराना मामला
झारखंड में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किया था आरोपियों का स्वागत
पिछले साल जुलाई में मॉब लिंचिंग के आरोपियों का स्वागत कर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा विवादों में आ गए थे।
दरअसल, झारखंड में बीफ ले जाने के शक में मारे गए युवक की हत्या के आरोपियों को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दी थी।
जमानत मिलने पर जयंत सिन्हा ने इनका माला पहनाकर स्वागत किया था। इतना ही नहीं आरोपियों को जमानत मिलने पर भाजपा के जिला कार्यालय पर मिठाई भी बांटी गई थी।