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सीमाएं बदल सकती है, कल सिंध फिर से भारत में आ सकता है- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिंध प्रांत पर दिया चौंकाने वाला बयान

सीमाएं बदल सकती है, कल सिंध फिर से भारत में आ सकता है- राजनाथ सिंह

Nov 23, 2025
10:35 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में आयोजित 'सिंधी समाज सम्मेलन' में सिंध प्रांत को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे पाकिस्तान में बड़ी हलचल मच सकती है। उन्होंने कहा कि भले ही आज भौगोलिक रूप से सिंध भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा और भविष्य में सिंध फिर से भारत में वापस आ सकता है। उनके इस बयान की अब खासी चर्चा हो रही है।

बयान

सिंह ने क्या दिया बयान?

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सिंध के साथ भारत के सभ्यतागत संबंधों पर बात की, जो 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान में जाने तक अविभाजित भारत का हिस्सा था। उन्होंने कहा, "आज सिंध की जमीन भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता की दृष्टि से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा और जहां तक जमीन की बात है, सीमाएं बदल सकती हैं। कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए।"

संदर्भ

सिंह ने किया आडवाणी की किताब का उल्लेख

सिंह ने पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की सिंधी हिंदुओं द्वारा विभाजन को स्वीकार न करने संबंधी टिप्पणियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी एक किताब में लिखा है कि सिंधी हिंदू, खासकर उनकी पीढ़ी के हिंदू अभी भी सिंध के भारत से अलग होने को स्वीकार नहीं कर पाए हैं।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिंध में हिंदू और कई मुसलमान, दोनों ही सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं।

प्रयास

सिंह ने सिंधी प्रवासियों की नागरिकता पर क्या कहा?

सिंह ने वापस भारत लौटे अप्रवासी सिंधी परिवारों को उचित नागरिकता देने के अपने प्रयासों को भी याद किया। उन्होंने 2019 में दिल्ली में उनके समुदाय का दौरा किया था और पाया था कि वे बेहद कष्टदायक परिस्थितियों में झुग्गियों में रह रहे थे। हालांकि, उनकी नागरिकता के लिए एक विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन उस समय बहुमत की कमी के कारण यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका।

एकीकरण

सिंह ने PoK के भारत में एकीकरण पर विश्वास व्यक्त किया

इससे पहले सितंबर में मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने आशा व्यक्त की थी कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का भारत में विलय बिना किसी आक्रामक कदम के हो जाएगा। उन्होंने कहा कि PoK में एकीकरण की मांग पहले से ही उठ रही है और विश्वास व्यक्त किया कि अंततः उसका भारत में विलय हो जाएगा। उन्होंने कहा था, "PoK में मांगें उठने लगी हैं, आपने नारेबाजी की गूंज तो जरूर सुनी होगी।"