अर्नब गोस्वामी को नहीं मिली राहत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा जमानत याचिका पर फैसला
क्या है खबर?
इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किए गए रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को आज भी राहत नहीं मिली और बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल कोई फैसला सुनाने से इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है, हालांकि उसने गोस्वामी को सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर करने की छूट दी है। सेशन कोर्ट को चार दिन के अंदर उनकी याचिका पर फैसला सुनाना होगा।
प्रकरण
इस मामले में हुई गोस्वामी की गिरफ्तारी
इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नायक (53) और उनकी मां कुमुद नायक ने 5 मई, 2018 को अपने फॉर्महाउस में आत्महत्या कर ली थी। वहां मिले सुसाइड नोट में अन्वय ने गोस्वामी, फिरोज और नीतेश पर बकाया 5.40 करोड़ रुपये नहीं चुकाने आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर होना बताया था।
मामले में महाराष्ट्र CID ने कार्रवाई करते हुए गत बुधवार सुबह गोस्वामी के घर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की खूब चर्चा हो रही है।
मांग
अलीबाग कोर्ट ने ठुकरा दी थी पुलिस हिरासत की मांग
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गोस्वामी को अलीबाग कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने ठुकराते हुए गोस्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
हालांकि, कोर्ट ने गोस्वामी के पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने के आरोपों को भी खारिज कर दिया था।
गिरफ्तारी के समय के वीडियो में साफ दिख रहा था कि पुलिसकर्मी गोस्वामी से सहयोग की अपील कर रहे थे, लेकिन वह मारपीट का आरोप लगा रहे थे।
याचिका
गोस्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की थी जमानत याचिका
अलीबाग कोर्ट द्वारा 14 दिन की जेल के आदेश देने के बाद गोस्वामी ने अपने वकील गौरव पारकर के जरिए बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर गुरुवार दोपहर सुनवाई हुई थी, लेकिन कोर्ट ने जमानत पर फैसला शनिवार तक के लिए टाल दिया था।
गोस्वामी ने याचिका में कहा है कि उन्होंने पहले भी जांच में पुलिस का सहयोग किया था और आगे भी करेंगे। ऐसे में उन्हें मामले में जमानत दी जानी चाहिए।
दलील
हाईकोर्ट ने सुनवाई में दी थी यह दलील
गोस्वामी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई में जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्निक की खंडपीठ ने उनके वकील हरीश साल्वे और ए पोंडा की दलीलें सुनने हुए कहा कि समय की कमी के चलते सुनवाई शनिवार को जारी रहेगी।
कोर्ट ने कहा कि शनिवार को अदालत का नियमित कामकाज नहीं होगा, तो वह इस मामले में विस्तार से सुनवाई करेंगे। पीठ ने यह भी कहा कि जमानत के लिए सामान्य तौर पर पहले संबंधित निचली अदालत में जाना चाहिए।
जानकारी
निचली अदालत के स्थिति स्पष्ट नहींं करने पर दायर की याचिका
वकील साल्वे ने कहा कि धारा 439 हाईकोर्ट को सुनवाई का विशेष अधिकार देती है। उन्होंने गिरफ्तारी वाले दिन ही अलीबाग कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट के सुनवाई की स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है।
निंदा
केंद्रीय मंत्रियों ने की थी गिरफ्तारी की आलोचना
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने गोस्वामी की गिरफ्तारी की आलोचना की है।
जावड़ेकर ने ट्वीट किया था कि प्रेस की आजादी पर हुए हमले ने उन्हें उन्हें आपातकाल की याद दिला दी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक बताया था।
गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इसकी निंदा की थी। इसी तरह एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गोस्वामी की गिरफ्तारी पर हैरानी व्यक्त की थी।