
बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी को दिया पीड़िता से शादी करने का आदेश
क्या है खबर?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अजीबोगरीब फैसला सुनाते हुए रेप के एक आरोपी को पीड़िता से शादी करने का आदेश दिया है।
आरोपी और पीड़िता आपसी सहमति से रिलेशन में थे, लेकिन आरोपी के उसे नजरअंदाज करने के बाद पीड़िता ने उसके खिलाफ केस दर्ज कराया था।
अभी पीड़िता लापता है और कोर्ट ने एक साल के अंदर उसके पाने पर आरोपी को उससे शादी करने का आदेश दिया है। एक साल बाद कोर्ट का यह फैसला लागू नहीं होगा।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित महिला ने फरवरी, 2020 में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
अपनी शिकायत में महिला ने कहा था कि वो 2018 से रिलेशन में थे और उनके परिवारों को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी।
2019 में महिला को पता चला कि वह गर्भवती है और जब उसने आरोपी को इसके बारे में बताया तो वह उसे नजरअंदाज करने लगा।
घटनाक्रम
जनवरी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, फिर इमारत के सामने छोड़कर भागी
आरोपी के उसे नजरअंदाज करने पर महिला ने घर छोड़ दिया क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसके परिवार को उसके गर्भवती होने के बारे में पता चले।
27 जनवरी, 2020 को उसने एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया और 30 जनवरी को उसे इमारत के सामने छोड़कर भाग गई।
इसके बाद उसने आरोपी के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई। हालांकि उसके खिलाफ भी बच्चे को त्यागने के लिए FIR दर्ज की गई थी।
सुनवाई
कोर्ट में महिला से शादी करने के लिए तैयार हुआ आरोपी
महिला तभी से गायब चल रही है और आरोपी ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान आरोपी ने कोर्ट से कहा कि वह महिला से शादी करने और बच्चे को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
हालांकि पुलिस ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि महिला का पता नहीं है और बच्चे को पहले ही गोद दिया जा चुका है।
आदेश
कोर्ट ने कहा- अपनी मर्जी से रिलेशन में थी महिला
सारे तथ्यों पर गौर करने के बाद जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने कहा कि जब घटना हुई थी, तब महिला बालिग थी और वह पहले ही कह चुकी है कि वह अपनी मर्जी से रिलेशन में थी।
उन्होंने कहा, "मुझे याचिकाकर्ता को इस शर्त पर जमानत पर रिहा करना उचित लगता है कि अगर पीड़िता एक साल के अंदर मिल जाती है तो उसे उससे शादी करनी होगी।, लेकिन एक साल बाद वह इसके लिए बाध्य नहीं होगा।"