सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रही महिला पर मिर्ची स्प्रे से हमला, देखें वीडियो
क्या है खबर?
इस साल जनवरी में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर चुकी बिंदु अम्मिनी पर मिर्ची स्प्रे से हमला किया गया।
यह घटना कोच्चि के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के बाहर हुई, जहां बिंदु दोबारा सबरीमाला मंदिर जाने के लिए सुरक्षा मांगने आई थीं।
बिंदु के साथ भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई भी मौजूद थीं। इन दोनों का कहना था कि वो 26 नवंबर को संविधान दिवस पर सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी।
जानकारी
बिंदु को किया गया अस्पताल में भर्ती
इस हमले के बाद बिंदु को अस्पताल में ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्नर के बाहर उन्हें घेरकर प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। वहीं तृप्ति देसाई को कमिश्नर ऑफिस में रखा गया है।
ट्विटर पोस्ट
बिंदु पर मिर्ची स्प्रे से हमला
This is so shocking. Pepper/ chilly spray was used against Bindu Ammini by a protestor near Cochin Commissioner office as she wanted to go to #SabarimalaTemple along with activist Trupti Desai and others.
— Shilpa Nair (@NairShilpa1308) November 26, 2019
Bindu had entered the temple last year with police protection. pic.twitter.com/BDUrmBSqFJ
तृप्ति देसाई
मंदिर में प्रवेश पर अड़ीं देसाई
मंदिर में प्रवेश के लिए कोच्चि पहुंची देसाई को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को मंदिर में पूजा का हक दिया है। आज 70वां संविधान दिवस है और यह सदियों पुरानी रोक को तोड़ने का सही मौका है। अगर कोई हमें मंदिर में प्रवेश से रोकेगा तो हम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। मैंने पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री और पुलिस प्रमुख को संदेश भेज दिया है। हमें सुरक्षा देना उनकी जिम्मेदारी है।"
जानकारी
महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे रही सरकार
राज्य सरकार ने सबरीमाला मंदिर के पट खुलने से पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह दर्शन करने के लिए जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा का इंतजाम नहीं करेगी। उन्हें पहले कोर्ट का आदेश दिखाना होगा।
वजह
क्यों है सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी?
कहा जाता है कि सबरीमाला मंदिर के देवता भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। महिलाओं के संपर्क में आने से उनकी शक्तियां कमजोर हो जाती हैं। इसी तर्क के सहारे इस मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने हर उम्र की महिला को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
इस फैसले का भारी विरोध हुआ और इसके खिलाफ 60 से ज्यादा पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई।
जानकारी
बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने हाल ही में इस मामले को सात सदस्यीय बेंच के पास भेज दिया था। अब सात सदस्यीय बेंच पर इस सुनवाई कर अपना फैसला सुनाएगी।
विरोध
महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रही सबरीमाला कर्मा समिति
देसाई ने कहा कि अगर उन्हें मंदिर में नहीं जाने दिया गया तो वो तब तक उपवास पर बैठी रहेंगी, जब तक पुलिस उन्हें रोकने का कारण लिखित में नहीं देगी।
अभी तक मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा है, लेकिन कहा जा रहा है कि सबरीमाला कर्मा समिति देसाई का रास्ता रोकने की तैयारी कर रही है। इसे देखते हुए पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।
प्रवेश
जनवरी में दो महिलाओं ने किया था प्रवेश
बिंदु अम्मिनी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कनकदुर्गा नामक दूसरी महिला के साथ मिलकर इस साल जनवरी में मंदिर में प्रवेश किया था।
हालांकि, उसके बाद उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कनकदुर्गा के साथ मारपीट भी की गई थी।
बिंदु अपने कॉलेज के दिनों में छात्र राजनीति में काफी सक्रिय थीं। वो वामपंथी छात्र संगठन केरल विधार्थी संगठन की सदस्य रह चुकी हैं।
कानून में मास्टर्स करने के बाद बिंदु कन्नूर यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं।
मामला
यात्रा आरंभ होने से पहले पांच महिलाओं को रोका गया
16 नवंबर को सबरीमाला मंदिर के पट खुलने से पहले मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रही पांच महिलाओं को पुलिस ने वापस भेज दिया था।
बताया गया कि इन महिलाओं की उम्र 10-50 साल के बीच थी।
इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा दशकों से जारी है। सबरीमाला मंदिर के विवाद और इसके संक्षिप्त इतिहास के बारे में आप यहां क्लिक कर ज्यादा जानकारी पा सकते हैं।