बिलकिस बानो ने की गैंगरेप के दोषियों की रिहाई का फैसला पलटने की मांग
क्या है खबर?
गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों को रिहा करने का मामला सुर्खियों में है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिलकिस ने कहा कि इस रिहाई ने न्याय में उनके विश्वास को हिला दिया है।
अपने वकील के जरिये जारी बयान में बिलकिस ने गुजरात सरकार से इस फैसले को पलटने और उन्हें डर के बिना शांति के साथ जीने का अधिकार वापस देने की मांग की है।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
पृष्ठभूमि
माफी नीति के तहत हुई दोषियों की रिहाई
गुजरात सरकार ने 1992 की माफी नीति के तहत बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी 11 कैदियों को रिहा कर दिया है।
सरकार का कहना था कि जेल में 14 साल पूरे होने और उम्र, जेल में बर्ताव और अपराध की प्रकृति जैसे कारकों के चलते दोषियों की सजा में छूट के आवेदन पर विचार किया गया था। उम्रकैद का मतलब न्यूनतम 14 साल की सजा होती है और इन दोषियों ने इतनी सजा काट ली है।
प्रतिक्रिया
बिलकिस बानो ने क्या प्रतिक्रिया दी?
अपने दोषियों की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए बिलकिस बानो ने कहा, "दो दिन पहले 15 अगस्त को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरे जीवन को बर्बाद करने वाले, मुझे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 लोग जेल से रिहा हो गए हैं तो मैंने 20 साल पुरानी घटना के सदमे को एक बार फिर महसूस किया। मेरे पास शब्द नहीं है। मैं अब भी सदमे में हूं।"
बयान
न्याय की लड़ाई ऐसे कैसे खत्म हो सकती है- बिलकिस
बिलकिस ने आगे कहा, "आज मैं केवल यह पूछ सकती हूं कि किसी औरत की न्याय की लड़ाई ऐसे कैसे खत्म हो सकती है? मैंने देश की शीर्ष अदालतों पर भरोसा किया। मैंने सिस्टम पर भरोसा किया और धीरे-धीरे सदमे के साथ जीना सीख रही थी। इन दोषियों की रिहाई ने मुझसे शांति छीन ली है और न्याय पर मेरे विश्वास को हिला दिया है। मेरा दुख हर उस औरत के लिए है जो अदालतों के चक्कर लगा रही है।"
बयान
किसी ने मेरी सुरक्षा की सुध नहीं ली- बिलकिस
उन्होंने आगे कहा, "इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसले लेने से पहले किसी ने मेरी सुरक्षा की चिंता नहीं की। मेरी गुजरात सरकार से विनती है कि वह इस फैसले को पलट दे। मुझे डर के बिना और शांति के साथ जीने का अधिकार वापस दें। मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।"
बिलकिस की वकील ने बताया कि उनके लिए सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। फिलहाल वो इतने सदमे में हैं कि अगले कदम पर विचार नहीं किया है।
जानकारी
क्या था बिलकिस बानो गैंगरेप केस?
गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन की बोगी में आग लगने के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान 3 मार्च, 2002 को दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था।
उस वक्त बिलकिस 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। इनमें बिलकिस की तीन वर्षीय बेटी भी शामिल थी।
गुजरात दंगे
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
देश के सबसे भीषण दंगों में शामिल गुजरात दंगों की चिंगारी गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती ट्रेन के डिब्बों में आग लगने से भड़की थी। इस आग में अयोध्या से कारसेवा करके लौट रहे 59 हिंदू मारे गए थे।
घटना के बाद अहमदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़क गई थी। ये दंगे दो-तीन दिन तक चले थे और इनमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे। मरने वालों में अधिकांश मुस्लिम थे।