असम: राजधानी एक्सप्रेस से टकराकर 8 हाथियों की मौत, ट्रेन के 5 डिब्बे पटरी से उतरे
क्या है खबर?
असम के लुमडिंग डिवीजन में आज सुबह दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस जंगली हाथियों के झुंड से टकरा गई। इसके बाद ट्रेन का इंजन और 5 डिब्बे पटरी से उतर गए। वहीं, झुंड में शामिल करीब 8 हाथियों की भी मौत हो गई। राहत की बात यह है कि इस दुर्घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ है। घटना के बाद ऊपरी असम और पूर्वोत्तर की रेल सेवाएं बाधित हो गई हैं।
घटना
कब और कैसे हुई घटना?
रेलवे ने बताया कि रात 2:17 बजे लुमडिंग डिवीजन के तहत जमुनामुख-कामपुर सेक्शन में ट्रेन नंबर 20507 सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस हाथियों से टकरा गई। इससे इंजन और 5 डिब्बे पटरी से उतर गए। किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि हाथियों को देखकर लोकोपायलट ने आपातकालीन ब्रेक लगाए, लेकिन इसके बावजूद भी हादसा हो गया। अधिकारी और राहत टीमें मौके पर हैं।
अपडेट्स
रेलवे ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
घटना के बाद रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर (0361-2731621/2731622/2731623) जारी किया है। रेलवे ने बताया कि प्रभावित यात्रियों को दूसरे डिब्बों में खाली बर्थ पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, क्षतिग्रस्त कोचों को अलग करने के बाद ट्रेन सुबह 6 बजे गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई है, जहां ट्रेन में नए कोच जोड़े जाएंगे। घटना के चलते रेल यातायात प्रभावित हुआ है, जिसे बहाल करने का काम जारी है।
बयान
गुवाहाटी से 126 किलोमीटर दूर हुई घटना
उत्तर-पूर्वी फ्रंटियर रेलवे ने एक बयान में कहा, "यह इलाका गुवाहाटी से लगभग 126 किमी दूर है। डिविजनल हेडक्वार्टर के अधिकारियों के साथ दुर्घटना राहत ट्रेनें पहले ही मौके पर पहुंच चुकी हैं। यह घटना ऐसी जगह हुई, जो हाथियों का तय रास्ता नहीं है। ट्रेन के पायलट ने हाथियों के झुंड को देखकर आपातकालीन ब्रेक लगाए। हालांकि, हाथी ट्रेन से टकरा गए। अन्य ट्रेनों को दूसरी लाइन से डायवर्ट किया जा रहा है। मरम्मत का काम जारी है।"
वन अधिकारी
घटना पर स्वंयसेवी समूहों ने जताई चिंता
नगांव के संभागीय वन अधिकारी सुहाश कदम ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि घटना होजाई जिले के चांगजुराई में हुई है और अभी विस्तृत जानकारी का इंतजार है। वाइल्डलाइफ NGO आरण्यक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बिभव तालुकदार ने कहा, "यह दिखाता है कि संबंधित विभागों और रेलवे के बीच समन्वय अभी भी संतोषजनक नहीं है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे के साथ हाथियों की आवाजाही की जानकारी साझा करने के लिए जमीनी समन्वय की जरूरत है।"