कर्नाटक सरकार को पुरातत्व सर्वेक्षण का नोटिस, जानें कारण
क्या है खबर?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कर्नाटक सरकार के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को नोटिस जारी किया है।
हंपी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की यात्रा के दौरान विरुपाक्ष मंदिर के स्तंभ से छेड़छाड़ के मामले में ये नोटिस जारी किया गया है।
इसमें कहा गया है कि विभाग द्वारा मंदिर की संरचना में किए गए बदलाव प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल और अवशेष (संशोधन और मान्यता) नियमों का उल्लंघन है और ये ASI की अनुमति के बिना किया गया।
नोटिस
मंदिर में क्या छेड़छाड़ की गई?
ASI ने आरोप लगाया कि विरुपाक्ष मंदिर के गर्भगृह के वास्तविक उत्तरी निकास को सीढ़ियों पर बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया गया और भक्तों के लिए एक अलग रास्ता बनाया गया।
ASI के अनुसार, विभाग ने निकास बंद करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली।
नोटिस में ये भी कहा गया है कि स्तंभों के बीच स्थित MS खोखले पाइपों को सजावटी स्तंभों में छेद करके और लोहे का टुकड़ा डालकर ठीक किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है।
विवाद
क्या है मामला?
2 नवंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हंपी के विरुपाक्ष मंदिर की यात्रा की थी। आरोप है कि इस दौरान भक्तों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के स्तंभों में छेद किए गए और झंडे लगाए गए थे। समारोह के बाद इस घटना का पता चला था।
बता दें कि पुरातत्व विभाग हंपी के अन्य मंदिरों के अलावा विरुपाक्ष मंदिर के प्रबंधन की देखरेख करता है, जिसे 1986 में विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।