दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI, लोगों ने बताया मानवता के खिलाफ अपराध
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा में लगातार जहर घुलता जा रहा है। यही कारण है कि गुरुवार को कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर और खतरनाक स्तर के ऊपर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में इसकी पुष्टि हुई है। इससे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोगों ने लगातार बढ़ रहे AQI को मानवता के खिलाफ अपराध बताते हुए सरकार से स्कूलों को बंद करने की मांग की है।
0-50 के AQI को माना जाता है सबसे अच्छा
CPCB के अनुसार, किसी भी क्षेत्र में 0 से 50 के बीच AQI को सबसे अच्छा और 51 से 100 तक को संतोषजनक श्रेणी में माना जाता है। इसी तरह 101 से 200 के AQI को मध्यम, 201 से 300 तक खराब और 301 से 400 तक को बहुत खराब का स्तर का माना जाता है। इसके अलावा 401 से 500 के बीच AQI को गंभीर श्रेणी में माना जाता है। इसमें सांस लेना भी दूभर होता है।
दिल्ली में गुरुवार को क्या रहा AQI का स्तर?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को कई जगहों पर AQI 450 के खतरनाक स्तर तो कुछ इलाकों में यह 800 के भी पार पहुंच गया। यह लोगों की सेहत के लिए बहुत खराब है। बोर्ड के अनुसार, 400 से अधिक AQI होने पर स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके उलट सांस और अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकती है।
लोगों ने बताया मानवता के खिलाफ अपराध
बढ़ते AQI पर सामजिक कार्यकर्ता सुहेल सेठ ने ट्वीट किया, 'दिल्ली में वायु प्रदूषण के साथ जो हो रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है! यह जवाबदेही का पतन होने के समान है!' पर्यावरण कार्यकर्ता विमलेन्दु झा ने लिखा, 'मुझे पता है बच्चे आपको वोट नहीं देते हैं, लेकिन फिर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री से स्कूलों को तुरंत बंद करने का अनुरोध करते हैं। 500 AQI में हमारे बच्चों के लिए सांस लेना आसान नहीं है।'
दिल्ली में हर सर्दी में बिगड़ते हैं हालात
दिल्ली हर सर्दियों में धुंध से ढकी रहती है। इसका कारण वाहन और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के साथ पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली है। इससे कम तापमान, बंद हवा और उनकी बदलती दिशा समय-समय पर प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देती है। हालांकि, दिल्ली सरकार हर बार इस समस्या से निपटने का प्रयास करती है, लेकिन इसमें अभी तक भी सफलता नहीं मिल पा रही है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
दिल्ली-NCR में GRAP का तीसरा चरण लागू
दिल्ली-NCR में खराब होती हवा को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने शनिवार से पूरे NCR क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया है। इसमें आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी प्रकार की निर्माण और विध्वंस गतिविधियां बंद रहती है और ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर पर रोक लगाई जाती है। इसी तरह BSIII पेट्रोल और BSIV डीजल वाहनों का उपयोग सीमित होता है।
पंजाब में 33 प्रतिशत बढ़ीं पराली जलाने की घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 15 सितंबर से 28 अक्टूबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 10,214 घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं पिछले साल इसी अवधि में 7,648 घटनाएं दर्ज हुई थीं। इस साल दर्ज हुई 10,214 घटनाओं में से 7,100 (69 प्रतिशत) पिछले सात दिनों में दर्ज हुई हैं। पंजाब में पराली जलाने की दो तिहाई से अधिक घटनाएं केवल अमृतसर, संगरूर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटिलाया और तरणतारण में दर्ज की गई हैं।
दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का कितना योगदान
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली की हवा की खराब गुणवत्ता में पराली के धुएं का फिलहाल 18-20 प्रतिशत योगदान है और यह आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। बता दें कि दिल्ली के कई इलाकों में हवा सांस लेने लायक नहीं बची है।
पर्यावरण मंत्रालय ने लगाए पंजाब पर गंभीर आरोप
पर्यावरण मंत्रालय ने आरोप लगाया कि पराली के प्रबंधन के लिए पंजाब ने मशीनों का उचित इस्तेमाल नहीं किया। चारे के लिए भी पराली का इस्तेमाल कम हुआ और राज्य सरकार की तरफ से चलाया गया जागरूकता अभियान भी असरदार साबित नहीं हुआ। मंत्रालय ने आगे कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की बढ़ी संख्या यह भी बताती है कि राज्य सरकार निगरानी और नियम लागू करने में भी सफल नहीं रही।