राहुल गांधी के रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 'नाच-गाना' बयान पर आक्रोश, भाजपा ने बोला हमला
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विवादित बयान दिया है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते हुए उन्होंने इस साल जनवरी में अयोध्या में हुए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 'नाच-गाना' करार दिया है। इसके बाद भाजपा और साधु-संतों ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है और उन पर भारतीय संस्कृति को न समझ पाने का आरोप लगाया है।
राहुल गांधी ने क्या दिया बयान?
राहुल ने हरियाणा में प्रचार के दौरान कहा, "राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जहां नाच-गाना हो रहा था। वहां अमिताभ बच्चन को बुला लिया। उद्योगपति अंबानी और अडानी को भी आमंत्रित किया गया था। वहां क्या आपने किसी बढ़ई को देखा? क्या किसी किसान को देखा? कोई मजदूर दिखा? नाच गाना चल रहा था। डांस हो रहा था और प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे।" उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है।
भाजपा ने राहुल पर बोला हमला
भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा, "शायद वह (राहुल गांधी) अभी तक भारतीय संस्कृति को नहीं समझ पाए हैं। जब वह भारतीय संस्कृति को समझ पाएंगे, तो वह इन सभी (इन अनुष्ठानों) को समझ जाएंगे।" भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल की टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए कहा, "राहुल के परिवार ने रामजी के अस्तित्व, राम मंदिर का विरोध किया है। उन्होंने हिंदू आतंकवाद का नारा गढ़ा और द्वारका पूजा को भी "नाटक" करार दिया।"
राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने भी दी प्रतिक्रिया
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, "कांग्रेस सरकार शुरू से नकार रही है कि राम नहीं हैं। उनका अस्तित्व नहीं है। तो उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही। जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। प्राण प्रतिष्ठा को राहुल जी अगर नौटंकी बता रहे हैं तो उनकी ऐसी भावना रही होगी। उनकी दृष्टि में नौटंकी है, लेकिन भक्तों की नजर में प्राण प्रतिष्ठा हुई है। इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना हुई है।"
विदेशी मानसिकता से ग्रस्त हैं राहुल- शर्मा
विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राहुल की मानसिकता को विक्षिप्त करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी तो राम के अस्तित्व को ही नकारती है। ऐसी भाषा का प्रयोग दुखद है। वह विदेशी मानसिकता से ग्रस्त हैं।